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कोटा: बकाया वेतन नहीं मिलने पर दमकल चालक और गोताखोर हड़ताल पर - Emergency services stalled in Kota for two days

नगर निगम की फायर ब्रिगेड और गोताखोर की आपातकालीन सेवाएं बीते 2 दिनों से ठप पड़ी है. संविदा दमकल चालक और गोताखोर दो माह का वेतन भुगतान नहीं होने के चलते हड़ताल पर हैं. ऐसे में नगर निगम के पाद महज 6 स्थाई कर्मचारी हैं. जिनके भरोसे अब आपातकालीन सेवाएं चल रही है.

वेतन नहीं मिलने पर दमकल चालक और गोताखोर हड़ताल पर, Firemen and divers on strike due to non-payment of salary
वेतन नहीं मिलने पर दमकल चालक और गोताखोर हड़ताल पर

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Published : Dec 4, 2019, 10:02 PM IST

कोटा. नगर निगम कोटा की तरफ से संचालित हो रही आपातकालीन सेवाएं बीते 2 दिनों से ठप पड़ी है. क्योंकि नगर निगम में संविदा दमकल चालक और गोताखोर हड़ताल पर हैं. उन्हें 2 महीने का वेतन नहीं मिला है. साथ ही उनकी मांग है कि उनके वेतन में बढ़ोतरी की जाए.

वेतन नहीं मिलने पर दमकल चालक और गोताखोर हड़ताल पर

नगर निगम के पास महज 6 स्थाई कर्मचारी हैं. जिनके भरोसे अब आपातकालीन सेवाएं चल रही है. जानकारी के अनुसार शहर में नगर निगम के अग्निशमन अनुभाग के तीन ऑफिस की दमकलों के 30 चालकों और 15 गोताखोर का दो माह से वेतन अटका हुआ है.

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इस समय शहर में किसी भी आगजनी की घटना से बचने के लिए केवल दो दमकल चालक और नदी या तालाब में डूबने पर किसी को बचाने के लिए सिर्फ 4 गोताखोर ही ड्यूटी पर है.
वहीं, वेतन का भुगतान नहीं होने पर हड़ताली कार्मिकों ने जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा से भी मुलाकात की. जिस पर उन्होंने जल्द भुगतान का आश्वासन दिया है.

लेकिन हड़ताली कार्मिकों का साफ कहना है कि जब तक उन्हें वेतन का भुगतान नहीं हो जाता वो काम पर नहीं लौटेंगे. इसे लेकर उन्होंने निगम प्रशासक वासुदेव मालावत से भी मुलाकात की है. हड़ताल पर उतरे कार्मिकों का कहना है कि बारां जिला कोटा से कई गुना छोटा है. इसके बावजूद वहां पर दमकल चालकों को 600 रुपए मिल रहे हैं, जबकि कोटा में उन्हें महज 250 रुपए में काम करवाया जा रहा है.

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