कोटा.जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने कृषि कनेक्शनों के लगे ट्रांसफार्मर जलने पर किसानों से राशि वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए बाकायदा एक सर्कुलर भी जेवीवीएनएल ने जारी कर दिया है. इसके तहत एग्रीकल्चर कनेक्शन पर लगे ट्रांसफार्मर जलते हैं, तो उनकी जांच करवाई जाएगी. इस ऑडिट रिपोर्ट में किसान की गलती पाई जाएगी, तो उसको ट्रांसफार्मर मिलने में समस्या का सामना करना पड़ेगा. साथ ही उसे प्राथमिकता से ट्रांसफार्मर भी नहीं मिलेगा और ट्रांसफार्मर मरम्मत के लिए 13 से 15 हजार रुपए भी अपनी जेब से देने होंगे. हालांकि इस नियम का भाजपा ने विरोध शुरू कर दिया है और कांग्रेस को किसानों के साथ दोगला व्यवहार करने वाली पार्टी बता दिया है.
किसानो देंगे ट्रांसफार्मर जलने पर पैसे जेवीवीएनएल ने हाल ही में जारी किए नए नियमों के मुताबिक अब ट्रांसफार्मर जलने का जिम्मेदार किसानों को बताया गया है. संभागीय मुख्य अभियंता जेवीवीएनएल कोटा जोन क्षेमराज मीणा का कहना है कि वह पूरे कोटा संभाग के एग्रीकल्चर कनेक्शनों और उन पर लगे ट्रांसफॉर्मर की ऑडिट करवा रहे हैं, जिसमें सभी का रिकॉर्ड बनाया जा रहा है. अधिकांश किसानों ने ट्रांसफार्मर में कैपीसीटर लगाते हैं. इस कारण ट्रांसफार्मर जल जाते हैं और वह उसका सही समय पर दुरुस्त भी नहीं करवा पा रहे हैं.
ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराने में भी आती है दिक्कत
जेवीवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि कोटा संभाग में एग्रीकल्चर कनेक्शनों को जारी हुए 1150 ट्रांसफार्मर वर्तमान में जले हुए हैं. इनमें कोटा जिले के 250, बूंदी के 225, झालावाड़ के 338 और बारां के 350 हैं, जिनको उन्हें दुरुस्त करवाने में दिक्कत आ रही है.
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जुगाड़ की मदद से 6 की जगह 24 घंटे लेते हैं बिजली
चीफ इंजीनियर मीणा का कहना है कि किसानों को जहां 6 घंटे 3 फेज बिजली मिलती है, ताकि वे कृषि में उसका उपयोग ले सकें. लेकिन अधिकांश किसान ट्रांसफार्मर में जुगाड़ कर सिंगल फेज बिजली को भी थ्री फेज बना लेते हैं. ऐसे में फेज स्पीटलिंग के कर 24 घंटे बिजली का कृषि उपयोग में लेते हैं. ट्रांसफार्मर में जुगाड़ करने के कारण जल जाता है, जिसका सीधा नुकसान अब तक से जेवीवीएनएल को हो रहा था.
कोटा संभाग में लगे ट्रांसफार्मरों में 1 अप्रैल से अब तक जले ट्रांसफार्मर जिला | कुल ट्रांसफार्मर | जले ट्रांसफार्मर |
कोटा | 30067 | 2371 |
बारां | 34490 | 1609 |
बूंदी | 30099 | 2079 |
झालावाड़ | 30750 | 2230 |
कुल | 1,32,406 | 8289 |
किसान बोले- हमारे साथ अन्याय होगा
इस मसले पर किसानों का कहना है कि उनकी फसलें पहले ही खराब हो चुकी हैं. उनको पूरी फसल के दाम नहीं मिलते हैं. ऐसे में इस तरह से वह जैसे तैसे अपनी कृषि कनेक्शन की मदद से 6 घंटे में बिजली मिलती है और उसमें भी तकनीकी खामियों के चलते ट्रांसफार्मर फाल्ट हो जाता है. ऐसे में उसका पैसा अब उन्हें देना होगा, जो एक तरह का उनके साथ अन्याय ही है.
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पैसा वसूला दुर्भाग्यपूर्ण- मदन दिलावर
रामगंजमंडी से भाजपा विधायक मदन दिलावर का कहना है कि ट्रांसफार्मर जलने पर किसान से पैसा वसूलना दुर्भाग्यपूर्ण है. राजस्थान के किसानों का ऐसी सरकार पाई है, जिसने पहले तो बिजली के दाम बढ़ा दिए, फिर पैसा इकट्ठा करने के लिए वीसीआर भर रहे हैं. वहीं अब ट्रांसफार्मर जल जाएगा तो उसे पैसा वसूल किया जाएगा. मैंने ऐसी लूटने वाली लुटेरी सरकार कभी नहीं देखी है. किसानों की फसलें पैदा नहीं हुई है. किसान आत्महत्या कर रहे हैं. लेकिन ये सरकार गिद्ध की तरह नोचने का काम कर रही है. जहां एक तरफ ट्रांसफार्मर जलने को लेकर विभाग और उसके अधिकारी किसानों की गलती बता रहे हैं और साथ ही इस नियम को सही ठहरा रहे हैं. वहीं भाजपा इस फैसले पर विभाग और सरकार को घेर रही है और इन दोनों से अलग किसान फैसले को उनके साथ नाइंसाफी बता रहे हैं.