इटावा (कोटा). किसानों के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम के आह्वान पर पूरे देश में किसान संगठनों की ओर से राष्ट्रीय राजमार्गो को जाम किया गया. साथ ही केंद्र सरकार की ओर से किसानों पर थोपे गए तीनों काले कानूनों को वापस लेने की मांग की गई.
इसके तहत शनिवार को जहां पीपल्दा क्षेत्र के किसानों मजदूरों और आम नागरिकों ने कोटा-श्योपुर और बारां-मथुरा राजमार्ग को जाम किया. किसानों ने कृषि विरोधी कानूनों को रद्द करने और किसान की उपज खरीद करने के लिए एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांग की. तह. अध्यक्ष महेंद्र कुमार सुमन ने बताया कि केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को किसानों पर थोपा है, जब तक सरकार यह कानून वापस नहीं लेती देश का किसान दिल्ली की बॉर्डरों से घर वापस नहीं जाएंगे.
उन्होंने कहा कि पीपल्दा क्षेत्र के किसानों और मजदूरों में केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश भरा है, आज के विरोध-प्रदर्शन में पीपल्दा से किसानों के समर्थन में अखिल भारतीय किसान सभा के साथ निर्माण मजदूर यूनियन सीटू के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और आप कार्यकर्ताओ ने भी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए चक्का जाम किया.
किसानों ने की कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग
वहीं चौमूं में कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने नेशनल हाइवे पर डेरा डाल दिया. हाईवे पर किसानों की महापंचायत चल रही है. ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर ही मंच सजाया गया है. जहां से किसान अपनी बात कह रहे हैं. इस दौरान किसान नेताओ ने केंद्र सरकार को जमकर कोसा. किसान नेताओ ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है.
किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग और स्टेट हाइवे किया जाम