कोटा.राजस्थानकोटा में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की अगस्त माह में शुरुआत हुई. इसके साथ ही 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका लोकार्पण भी कर दिया, लेकिन अभी तक यहां स्थायी फैकल्टी की नियुक्तियां नहीं हो सकी है. ऐसे में स्थायी फैकल्टी और स्टाफ की कमी के कारण संस्थान के संचालन में भी दिक्कतें पेश आ रही हैं. खैर, स्थायी फैकल्टी और स्टाफ की नियुक्ति तो यहां मसला है ही, इसके साथ ही स्थायी भर्ती की पूरी प्रक्रिया को स्थायी डायरेक्टर ही कर सकता है, लेकिन मजे की बात यह है कि यहां अब तक स्थायी डायरेक्टर की भी नियुक्ति नहीं हो सकी है.
दूसरी तरफ इस पूरे मामले पर ट्रिपल आईटी के कोऑर्डिनेटर प्रो. एके व्यास का कहना है कि यहां फैकल्टी की कमी है. ऐसे में जयपुर से फैकल्टी ऑनलाइन और कुछ फैकल्टी यहां आकर क्लासेस ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोटा में ऐसा कोई संस्थान नहीं है, जिसकी फैकल्टी ट्रिपल आईटी में पढ़ सके. यह समस्या है, लेकिन हम काम चला रहे हैं. हम कॉन्ट्रैक्चुअल भर्ती में भी अच्छे स्तर और गुणवत्ता वाली फैकल्टी ही लेना चाहते हैं. हालांकि ट्रिपल आईटी कोटा अगले सेशन से नए कोर्स शुरू करने के साथ ही एमटेक और पीएचडी में ब्रांच भी बढ़ाना चाहती है, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है.
रोबोटिक और मशीन लर्निंग में बढ़ाना चाहते हैं कोर्स -प्रो. व्यास का कहना है कि ट्रिपल आईटी में यूजी स्तर पर कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स में बच्चे हमारे यहां पढ़ाई कर रहे हैं. इसके अलावा एमटेक प्रोग्राम भी कंप्यूटर साइंस में चल रहा है. इसमें एआई और डाटा साइंस में प्रोग्राम है. जबकि पीएचडी में दोनों ही ब्रांच कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स में चल रहा है. हमने इस साल जो एडमिशन किए हैं, उसमें करीब 270 सीट हैं. इनमें पिछले साल की 214 सीटों में 56 की बढ़ोतरी हुई है. इस साल हमारा कोई सीट बढ़ाने का प्लान नहीं है, लेकिन अगले साल नए ब्रांच भी खुलेंगे और सीटें भी बढ़ाई जाएंगी. जिसमें रोबोटिक व मशीन लर्निंग के कोर्स हम जोड़ना चाहते हैं. यह यूजी और पीजी दोनों स्तर में बढ़ेंगे.
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कम्युनिकेशन टेक्निक्स और वीएलएसआई में खोलना चाहते हैं ब्रांच - प्रो. व्यास इलेक्ट्रॉनिक्स में एक और ब्रांच खोलना चाहते हैं, ताकि इलेक्ट्रॉनिक्स के विद्यार्थी ग्रेजुएट होते ही मास्टर्स की पढ़ाई कर सके. कम्युनिकेशन टेक्निक्स और वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन (वीएलएसआई) भी हो सकती है. अभी हम इसको फाइनल करेंगे. हमारे सीनेट में निर्णय लिया जाएगा कि स्पेशलाइजेशन में एमटेक का कोर्स खोलना है. परमानेंट फैकल्टी व स्टाफ के लिए रिक्वायरमेंट निकालने जा रहे हैं. इसका एडवर्टाइजमेंट भी दिए जाएंगे.