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Special : JEE और NEET स्टूडेंट्स को लुभाने के लिए हर साल आती है सस्ती फीस स्कीम, कुछ रही सफल तो कई संस्थान हुए बंद - कोटा की ऑफलाइन कोचिंग

कोटा के कोचिंग संस्थानों में अंदाजा लगाया जाए तो करीब 75 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए सालाना तक फीस है. इसके अलावा औसत करीब 3 लाख रुपए विद्यार्थियों के कोटा में रहने और खाने पर खर्च हो जाते हैं. बावजूद इसके कोटा में हर साल कोचिंग के लिए आने वाले बच्चों को लुभाने के लिए कई संस्थान सस्ती फीस का (Fee scheme to entice students) प्रलोभन देते हैं.

Fee scheme to entice students
Fee scheme to entice students

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Published : Apr 17, 2023, 9:44 PM IST

कोटा.इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस में कोटा की ऑफलाइन कोचिंग का सिरमौर पूरे देश में है. देश भर से बच्चे यहां पढ़ने के लिए आते हैं. कोटा के कोचिंग संस्थानों में अंदाजा लगाया जाए तो करीब 75 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए सालाना तक फीस है. इसके अलावा औसत करीब तीन लाख रुपए विद्यार्थियों के कोटा में रहने और खाने पर खर्च हो जाते हैं. इसके बावजूद कोटा में हर साल कोचिंग करने वाले बच्चों को लुभाने के लिए कई संस्थान आते हैं, जो कि सस्ती फीस या कुछ रुपयों में उन्हें पढ़ाने के लिए तैयार हो जाते हैं. ये संस्थान अलग-अलग तरह की स्कीम लेकर आते हैं. जिसमें काफी कम दाम पर कोचिंग कराने से लेकर सलेक्शन की गारंटी तक शामिल होती है.

KOCO के निदेशक राजेश गांधी ने दावा किया है कि वो महज 5 रुपए में एक सब्जेक्ट को बढ़ाएंगे यानी फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और मैथमेटिक्स पढ़ने के लिए उन्हें महज 15 रुपए देने होंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि वो विद्यार्थियों को नीट और जेईई दोनों की तैयारी करवाएंगे. इसके लिए 4 हजार बच्चों को प्रवेश देंगे. हालांकि, कोटा में ऐसी योजनाएं लगातार आती रही है. जिनमें स्टूडेंट भी पढ़ने के लिए गए हैं, लेकिन उन संस्थानों ने आगे चलकर योजनाओं को बंद कर दिया या फिर संस्थान ही बंद हो गए हैं. वहीं, कोटा कोचिंग के एक्सपर्ट का कहना है कि कोटा में बच्चा सिलेक्शन का सपना लेकर आता है. ऐसे में उन्हें अच्छी फैकल्टी, पढ़ाई और अन्य व्यवस्था करनी होती है.

KOCO के निदेशक राजेश गांधी

सलेक्शन की पूरी गारंटी नहीं तो फीस वापस -कोटा में ISAC कोचिंग संस्थान ने भी नई स्कीम के तहत विद्यार्थियों को प्रवेश देना शुरू किया है. इसके तहत जेईई और नीट में सफलता की 100 प्रतिशत गारंटी ली है. स्टूडेंट्स को सफलता नहीं मिलती है, तब विद्यार्थी की पूरी फीस रिफंड करने तक की बात कही गई है. जिसमें किसी तरह की कोई कटौती नहीं होगी. संस्थान के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर तरुण कठौरिया का कहना है कि 2 साल में विद्यार्थियों को रेजिडेंशियल कोचिंग के लिए प्रवेश के लिए नई स्कीम हमने शुरू की है. उनका कहना है कि विद्यार्थियों को इसमें एप्टिट्यूड टेस्ट के जरिए ही प्रवेश दिया जाएगा. उनका टारगेट इन बैच में महज 100 विद्यार्थियों को लेने का है. एक बीच में केवल 25 से 30 विद्यार्थी रहेंगे. इन विद्यार्थियों के फीस 5 से 6 लाख रुपए सालाना है. ऐसे में 2 साल के करीब 10 से 12 लाख रुपए फीस होगी. विद्यार्थियों की मॉनिटरिंग के लिए स्टॉफ लगाया जाएगा, जो कि परिवार की तरह रहेगा. साथ ही रोज वह एचओडी से बातचीत अपने सब्जेक्ट के बारे में करेगा.

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तीन रुपए में कोचिंग - बीते साल कोटा के वाइब्रेंट कोचिंग संस्थान ने भी विद्यार्थियों के लिए 3 रुपए में कोचिंग शुरू की थी. जिसमें कोचिंग और हॉस्टल के लिए तीन रुपए निर्धारित किए गए. हालांकि इसमें प्रवेश के लिए विद्यार्थी को ऑनलाइन एग्जाम और फिर एक इंटरव्यू से गुजरना होता है. इसमें सेलेक्ट होने के बाद ही विद्यार्थी को संस्थान में प्रवेश दिया जाता है. स्क्रीन को वज्र -111 नाम दिया गया था. इस स्कीम के तहत 7 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है, Ml जबकि इसके लिए एग्जाम देने वाले विद्यार्थियों की संख्या हजारों में है. इस पर कोचिंग के मैनेजर यशवंत शर्मा का कहना है कि उनके यहां पर यह स्कीम अभी भी चल रही है. कुछ विद्यार्थियों को इस स्कीम के तहत प्रवेश भी दिया गया है.

बीते साल आधी फीस में भी पढ़ाया था - बीते साल कोटा में आए दो नए कोचिंग संस्थानों ने भी फीस में रियायत दी थी, लेकिन इस बार उन्होंने भी फीस बढ़ा दी है. उनकी फीस भी 75 हजार रुपए सालाना से ज्यादा है. बीते साल एक संस्थान की फीस तो 50 हजार रुपए से भी कम थी. इसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थी पढ़ने के लिए भी पहुंचे थे. हालांकि एडमिशन का टारगेट पूरा होने पर संस्थान ने तुरंत फीस बढ़ा दी थी. उसके साथ ही एक पुराने संस्थान ने भी महज 34 हजार सालाना में पढ़ाना शुरू किया था.

फीस में रियायत के लिए एग्जाम - कोटा में मोटे तौर पर सभी कोचिंग संस्थान फीस में रियायत के लिए एग्जाम लेते हैं. सभी कोचिंग संस्थानों ने इन के अलग-अलग नाम रखे हुए हैं. इनमें रिजोनेंस, वाइब्रेंट, एलेन, रिलाएबल, मोशन, सर्वोत्तम, आकाश, कॅरियर पॉइंट, बंसल, फिजिक्स वाला व अनअकैडमी सहित कई संस्थान शामिल है. यह संस्थान दावा करते हैं कि वह 90 फ़ीसदी तक स्कॉलरशिप देते हैं. इसके अलावा एग्जाम के जरिए विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी करते हैं. एलन कोचिंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नितेश शर्मा का कहना है कि हर साल में हजारों की संख्या में विद्यार्थियों को उनके एग्जाम के जरिए स्कॉलरशिप देते हैं. यह स्कॉलरशिप ही करोड़ों रुपए में होती है. इसके अलावा नगद पुरस्कार भी करोड़ों रुपए के विद्यार्थियों को दिए जाते हैं.

फेल हुआ फॉर्मूला, बंद हो गए संस्थान - साल 2021 में कोटा के कोचिंग संस्थान ने विद्यार्थियों को पिता की मासिक सैलरी का 10 फीसदी फीस में बढ़ाने की स्कीम शुरू की थी. न्यूक्लियस कोचिंग ने स्कीम लागू करने के कुछ महीने बाद ही बंद कर दिया गया. पहले ही लिमिटेड सीट भी कोचिंग ने तय की थी. बाद में साल 2022 में कोचिंग संस्थान की फीस 70 हजार से 1 लाख 45 हजार रुपए तक कर दी थी, इसके बाद यह संस्थान बंद हो गया है. संस्थान के पूर्व निदेशक अमित गुप्ता का कहना है कि उन्होंने संस्थान को भी बंद कर दिया है.

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