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देश में बढ़ी रिकॉर्ड मेडिकल सीटें, सरकारी का हिस्सा कम, प्राइवेट व गवर्नमेंंट कॉलेजों का यह है गणित - देश में बढ़ी रिकॉर्ड मेडिकल सीटें

नीट यूजी 2023 में क्वालीफाई विद्यार्थी देश के 704 मेडिकल कॉलेजों की 107798 एमबीबीएस सीटों पर दावा पेश करेंगे. बीते साल मेडिकल कॉलेज की सीटों में काफी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसमें सरकारी हिस्सा कम है. पढ़िए कैसे एमबीबीएस की बढ़ी सीटों का एक बड़ा हिस्सा प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के पास है...

MBBS seats in Private Medical Colleges
MBBS seats in Private Medical Colleges

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Published : Jun 28, 2023, 10:16 PM IST

मेडिकल कॉलेज सीटों में सरकारी का हिस्सा कम

कोटा. नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम (NEET UG 2023) का परिणाम जारी होने के बाद अब मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की एमबीबीएस प्रवेश की काउंसलिंग का इंतजार लाखों विद्यार्थियों को है. करीब 11 लाख से ज्यादा विद्यार्थी काउंसलिंग के लिए एलिजिबल घोषित किए गए हैं. यह विद्यार्थी देश के 704 मेडिकल कॉलेजों की 107798 एमबीबीएस सीटों पर दावा पेश करेंगे.

सरकारी मेडिकल सीटों का हिस्सा कम : बीते साल से लगातार मेडिकल कॉलेज की सीटें बढ़ रही है. रिकॉर्ड बढ़ोतरी एमबीबीएस की सीटों में हुई है. करीब 10505 एमबीबीएस की सीटें बढ़ी हैं, हालांकि इसमें एक बड़ा सच ये है कि बढ़ी हुई मेडिकल सीटों में से ज्यादा हिस्सा प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों का है, जबकि सरकारी मेडिकल सीटों का हिस्सा काफी कम है. यह अनुपात 70 और 30 का है. प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में फीस करीब 40 लाख रुपए से लेकर डेढ़ करोड़ रुपए तक है.

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बढ़ी सीटों में मैनेजमेंट सीट भी शामिल :कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 3350 सीटें बढ़ी हैं, जबकि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 7155 सीटों की बढ़ोतरी हुई है. 30 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं. इनमें सबसे ज्यादा तेलंगाना में 9 कॉलेज खोले गए हैं, जबकि राजस्थान और आंध्र प्रदेश में 5-5, असम में 3, जम्मू कश्मीर में 2 नए सरकारी कॉलेज खुले हैं. इसी तरह से बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, नागालैंड, ओडिशा और कर्नाटक में एक-एक कॉलेज खुले हैं. इसके अलावा इन 3350 सीटों में भी मैनेजमेंट कोटे की कई सीटें शामिल हैं. ऐसे में कम फीस वाली सरकारी सीटें 2500 से भी कम हैं. सरकारी कॉलेजों में शेष सीटें मैनेजमेंट कोटे में बढ़ी हैं, जिनकी फीस करीब 35 से 40 लाख सालाना है.

मेडिकल कॉलेज सीटों का गणित

सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या अधिक बढ़ी :पारिजात मिश्रा ने बताया कि बढ़ने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 30 है, जबकि देश के सरकारी कॉलेजों में सीटों की बढ़ोतरी महज 3350 हुई है. दूसरी तरफ प्राइवेट कॉलेज या डीम्ड यूनिवर्सिटी की संख्या में 27 की बढ़ोतरी हुई है, जबकि सीटें 7155 बढ़ी हैं. इनमें पुराने मेडिकल कॉलेजों की सीटें भी बढ़ाई गई है. मिश्रा ने बताया कि बीते साल में 10505 सीटें बढ़ी हैं, यह भी एक रिकॉर्ड है.

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सरकारी कॉलेजों में औसत सीट भी कम :देश के 388 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 56133 सीटें हैं, इनमें मैनेजमेंट कोटा की सीटें भी शामिल हैं, हालांकि इनका औसत 145 प्रति कॉलेज आता है. वहीं, निजी और डीम्ड मेडिकल कॉलेजों की संख्या 316 है, इनमें सीटों की संख्या 51665 है, जबकि इनका औसत करीब 164 प्रति कॉलेज जाता है. पारिजात मिश्रा ने बताया कि सरकारी स्तर पर खुल रहे कॉलेजों में आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में 150 सीटें हैं, जबकि अन्य स्टेट में 100 सीटें हैं. राजस्थान में अलवर, बूंदी और करौली, दौसा और हनुमानगढ़ में नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं. इनमें भी 500 सीटे हैं, जबकि अधिकांश प्राइवेट कॉलेज में तकरीबन 100 से 150 के बीच सीट दी जा रही है.

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