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Rajasthan Board Exam 2023: कोटा में पुलिस के हत्थे चढ़ा डमी परीक्षार्थी, सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई - कोटा सिटी एसपी शरद चौधरी

राजस्थान बोर्ड की 12वीं की मैथमेटिक्स के पेपर में शुक्रवार को परीक्षा देने आए एक डमी कैंडिडेट को पुलिस ने पकड़ लिया. इसके बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. वहीं, दोनों छात्रों के नाबालिग होने के कारण इनकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की (Dummy examinee arrested in Kota) गई.

Board exam kota dummy candidate
Board exam kota dummy candidate

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Published : Mar 31, 2023, 10:20 PM IST

कोटा.राजस्थान बोर्ड की परीक्षा चल रही है. शुक्रवार को 12वीं की मैथमेटिक्स का पेपर था. इस दौरान कोटा में सिटी पुलिस को डमी कैंडिडेट के परीक्षा में बैठने की सूचना मिली. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने डमी कैंडिडेट को पकड़ लिया. हालांकि दोनों ही छात्र नाबालिग है. इसलिए इनकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. साथ बताया गया कि ये दोनों छात्र मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. फिलहाल पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. साथ ही दोनों नाबालिग छात्रों से उक्त मामले में पूछताछ की गई. पुलिस ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि इससे पहले भी डमी कैंडिडेट परीक्षा दे चुका है.

कोटा सिटी एसपी शरद चौधरी ने बताया कि पुलिस को इस संबंध में जानकारी मिली थी. शुक्रवार को डमी परीक्षार्थी परीक्षा देने के लिए आया था. इसके बाद उसे सेंटर के कक्षा संख्या 3 से पकड़ लिया गया. उन्होंने बताया कि इस संबंध में न तो स्कूल प्रबंधन को कोई जानकारी थी, न ही सेंटर इंचार्ज को. हमारी टीम ने सूचना के आधार पर डमी कैंडिडेट के बारे में सेंटर इंचार्ज को सूचना दी. इसके बाद स्कूल के ऑब्जर्वर ने जांच कर हस्ताक्षर मिलान करते हुए फर्जी कैंडिडेट को पकड़ लिया. यह दूसरे स्टूडेंट की जगह परीक्षा देने पहुंचा था.

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पुलिस उपाधीक्षक अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि 27 मार्च को भी ये विद्यार्थी केमिस्ट्री का पेपर दे चुका है. जिसके बारे में स्कूल प्रबंधन से लेकर शिक्षा विभाग तक को कोई जानकारी नहीं है. इस मामले में डमी कैंडिडेट और जिस विद्यार्थी के लिए वह पेपर देने गया था, उसे भी बुलाकर पूछताछ की गई है.महावीर नगर स्थित आदर्श राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (महात्मा गांधी गवर्नमेंट स्कूल) में यह पूरा मामला हुआ. लेकिन स्कूल की प्रिंसिपल मनिंदर कौर से लेकर सेंटर इंचार्ज तक को इसकी कोई खबर नहीं थी. यहां तक कि पूरा शिक्षा विभाग इस मामले पर ढुलमुल रवैया अपना रहा है. हालांकि, इससे पहले भी ये डमी परीक्षार्थी पेपर दे गया था. जबकि सेंटर में एंट्री के पहले पूरी पड़ताल होती है. इस मामले में न तो जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप चौधरी को कोई जानकारी थी, न ही सीडीओ निर्मल मेहर को कोई सूचना थी. दोनों ही दोपहर तक केवल जानकारी लेने की ही बात कहते रहे.

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