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कोटा बीना रेल लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा, 12 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन - कोटा बीना रेल लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा

अंग्रेजों के जमाने में बिछाई गई कोटा बीना रेल लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है. इसका लोकार्पण पीएम मोदी 12 अगस्त को मध्यप्रदेश के सागर से करेंगे. दोहरीकरण का यह कार्य 2012 में शुरू हुआ था, जो 11 साल बाद पूरा हुआ है

Doubling of Kota Bina rail line completed
Doubling of Kota Bina rail line completed

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Published : Aug 11, 2023, 1:10 PM IST

कोटा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को मध्यप्रदेश के दौरे पर जाएंगे, जहां सागर जिले में वे कोटा बीना रेल लाइन के दोहरीकरण का लोकार्पण करेंगे. यह निर्माण कार्य करीब 11 साल में पूरा हुआ है. इसके तैयार होने से अब इन क्षेत्रों के यात्रियों को कोटा से बीना की ओर जाने में काफी सहूलियत होगी. यह रेलवे लाइन 1896 से 97 के बीच ब्रिटिशकाल में स्थापित हुई थी. पहले यहां डीजल के इंजन के जरिए ट्रेनों का संचालन होता था, लेकिन बाद में इसका विद्युतीकरण किया गया. वहीं, इस रूट के दोहरीकरण कार्य साल 2012 में शुरू हुआ था, लेकिन इसके निर्माण के 126 साल बाद 2023 में इस रूट का दोहरीकरण संभव हुआ.

ऐसे रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने अलग-अलग टुकड़ों में कई बार इसका निरीक्षण किया. साथ ही अलग-अलग टुकड़ों को रेल संचालन के लिए अनुमति भी दी गई थी. सबसे अंतिम निर्माण कोटा जंक्शन से सोगरिया स्टेशन के बीच में ढाई किलोमीटर के एरिया में हुआ था. इसे मार्च तक कमीशन किया जाना था, लेकिन निर्माण में थोड़ी देरी हो गई. इसके बाद यह काम पूरा हो गया है.

इसे भी पढ़ें - अंग्रेजों के जमाने की रेल लाइन का 126 साल बाद हुआ दोहरीकरण, देरी के कारण बढ़ी 1000 करोड़ की लागत

निर्माण में आए 1000 करोड़ से ज्यादा के खर्च - कोटा बीना रेलखंड के दोहरीकरण के काम में 1000 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च हो गई है. साल 2012 में इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया था, तब लागत 1415 करोड़ आंकी गई थी. लेकिन निर्माण साल 2023 में पूरा हुआ है, जिसमें 2476 करोड़ के आसपास का खर्च हुआ है. कोटा बीना रेल लाइन पश्चिम मध्य रेलवे के अधीन है. इसमें रेलवे के दो मंडल आते हैं, जिनमें भोपाल और कोटा मंडल शामिल है. इन दोनों ही मंडलों में इसका निर्माण कार्य करवाया है. कोटा मंडल में 165 किलोमीटर रेल लाइन डली गई है, जबकि भोपाल मंडल में 118 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाई गई है.

माल ढुलाई के साथ बढ़ेगी स्पीड भी -कोटा के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय ने बताया कि इस रेलवे लाइन के जरिए 4 पावर प्लांट पर कोयले की सप्लाई की जाती है. इनमें कोटा, बारां के छबड़ा और कवाई के साथ ही झालावाड़ का कालीसिंध शामिल है. वहीं, कोटा के जरिए दक्षिण भारत के राज्यों के अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिमी बंगाल और अन्य कई जगहों पर भी इसका सीधा जुड़ाव है. इस रेल लाइन पर बड़े गुडशेड है, जहां पर लदान होता है. इसमें महत्वपूर्ण दयोदय एक्सप्रेस, कोटा इंदौर इंटरसिटी व लोकल ट्रेन हैं. इसी के चलते यहां से माल गाड़ियां बड़ी संख्या में निकलती है. साथ ही दोहरीकरण होने से इस रेलवे लाइन पर ज्यादा ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा. साथ ही ट्रेनों के संचालन गति भी 100 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास हो जाएगी.

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