कोटा.कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की पितृ मोक्ष देव शिव महापुराण कथा रविवार को कोटा में शुरू हुई, जिसे सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु दशहरा मैदान पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोटा में क्वालिटी एजुकेशन मिलती है, लेकिन कुछ लोग कोटा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. बच्चों को दिल से पढ़ाई करनी चाहिए. असफल हो जाएं तो कोई बात नहीं, माता-पिता का घर तुम्हारा इंतजार कर रहा है.
पूर्वजों और पितरों का केंद्र राजस्थान: उन्होंने कहा कि शिक्षा सफलता देती है और परीक्षा फल देती है. पिता बच्चों को अच्छा जीवन देने के लिए हर संभव प्रयास करता है. उनको ध्यान में रखकर पढ़ाई करनी चाहिए. पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान कहा कि जो लोग सनातन धर्म पर टिप्पणी कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि कोटा में मथुराधीश प्रभु विराजमान हैं. सालासर और मेहंदीपुर में बालाजी विराजमान हैं. खाटूश्याम धाम पर खाटूश्याम जी विराजमान हैं. जिस प्रकार से शिक्षा का केंद्र कोटा है, उसी प्रकार से हमारे पूर्वजों और पितरों का केंद्र राजस्थान है. उन्होंने कहा कि विधर्मियों से संघर्ष के दौरान सेठ भामाशाह ने अपनी दौलत और अपना सर्वस्व राणा को दे दिया था, तब जाकर सनातन धर्म की स्थापना हो सकी थी.
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निष्कपट भाव से भगवान शिव पर चढ़ाएं जल :पंडित मिश्रा ने कहा कि निष्कपट भाव से भगवान शिव पर बिल्व पत्र और एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से ही हमारी सभी इच्छाएं और मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. पंडित मिश्रा ने स्वप्न में पितरों के आने पर उपाय भी बताए. उन्होंने कहा कि दरवाजे पर आटे से रंगोली बनाने से देव-पितर प्रसन्न होते हैं. घर में शुभ सूचना मिलती है. उन्होंने पितरों और देव पितरों के मध्य अंतर को भी समझाया. इसके साथ ही श्राद्ध पक्ष में देव शिव महापुराण सुनने के विशेष महत्व के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि कोटा के लोग सौभाग्यशाली हैं कि वह श्राद्ध पक्ष में देव शिव महापुराण सुन रहे हैं. हमारे पितर भी अपने घरों से निकलकर हमारे साथ शिव पुराण की कथा सुनने के लिए आते हैं.
खचाखच भर गया पंडाल : पहले दिन कथा की शुरुआत विधायक संदीप शर्मा और उनकी पत्नी गीता शर्मा की ओर से व्यासपीठ के पूजन के साथ हुई. इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला उनकी पत्नी अमिता बिरला ने पंडित मिश्रा का स्वागत किया. केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी व्यासपीठ से आशीर्वाद लेने कथा पंडाल में पहुंचे थे. पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने के लिए सुबह 11 बजे से ही भक्त पहुंचना शुरू हो गए और कथा शुरू होने से पहले ही पंडाल खचाखच भर गया था. ऐसे में पंडाल के बाहर बनी हुई दुकानों में भी बड़ी संख्या में भक्तों ने बैठकर कथा सुनी. भीषण गर्मी के बावजूद भक्त भोले की भक्ति में लीन नजर आए.