राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

स्पेशल स्टोरी: सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी बेलगाम बजरी माफिया, चंबल से अवैध बजरी खनन का कारोबार बदस्तूर जारी

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद चंबल नदी के रंगपुर एरिया में अवैध बजरी का दोहन किया जा रहा है. इसकी रोकथाम के लिए प्रशासन ने खनन, वन, परिवहन और पुलिस विभाग को जिम्मेदारी सौंपी थी. लेकिन लाखों के इस अवैध कारोबार पर कार्रवाई करने की जगह सभी विभाग मौन बैठे हैं.

चंबल को छलनी करने में लगे बजरी माफिया, Gravel mafia engaged in sieving Chambal

By

Published : Nov 5, 2019, 12:50 AM IST

कोटा.चंबल नदी में कोटा जिले के रंगपुर और बूंदी जिले के केशोरायपाटन के बीच जैसे-जैसे जलस्तर नीचे जा रहा है. बजरी की अवैध खनन का व्यवसाय लगातार दिन-ब-दिन पनप रहा है. हालात ऐसे हैं कि रोज करीब 50 से 100 ट्रॉली रेत केशोरायपाटन के नजदीक से निकाली जा रही है. लाखों रुपए के अवैध कारोबार को रोकने की जिम्मेदारी खनन, वन, परिवहन और पुलिस विभाग की है.

चंबल को छलनी करने में लगे बजरी माफिया

लेकिन सुप्रीम कोर्ट की ओर से बजरी पर रोक लगाने के बावजूद चारों ही विभाग मौन है. बजरी माफियाओं में भी इन चारों विभागों में से किसी का भी डर नहीं है. वह खुलेआम बजरी का दोहन कर रहे हैं. इस बात पर ईटीवी भारत ने खनन विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने एक ही रटा रटाया जवाब दिया कि कार्रवाई करेंगे, पहले भी कार्रवाई की है. खनन विभाग के सुपरिंटेंडेंट माइनिंग इंजीनियर पीएल मीणा का कहना है कि फॉरेस्ट के एरिया का मामला है. यह अवैध बजरी का काम अभी कुछ दिनों से ही शुरू हुआ है. ऐसे में इस पर टीम बनाकर कार्रवाई करेंगे.

पढ़ें-टोंकः अवैध बजरी के खेल में युवक को मारी गोली, गंभीर हालत में जयपुर रैफर

घड़ियाल सेंचुरी में अवैध खनन

सबसे बड़ी बात है कि यह जगह घड़ियाल सेंचुरी में आती है. लेकिन वन विभाग के अधिकारी भी आंखें मूंद कर बैठे हुए हैं. घड़ियाल सेंचुरी में केशोरायपाटन के बाद का एरिया मुख्य वन संरक्षक सवाई माधोपुर के अधीन आता है. ऐसे में कोटा में स्थानीय वन विभाग के अधिकारी अपना क्षेत्र नहीं होने का हवाला देकर कार्रवाई से बच जाते हैं.

खुले आम हो रहा कारोबार, कार्रवाई जीरो

खनन विभाग के अधिकारियों की बात की जाए तो उन्हें भी इस अवैध बजरी खनन के व्यवसाय से कोई लेना-देना नहीं है. यहां तक कि पुलिस विभाग के अधिकारी भी सब कुछ देख कर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं. बता दें कि अवैध बजरी को लेकर वाहन शहर के बाहरी मार्ग से होकर गुजरते है, जिन्हें रोकने की जिम्मेदारी कोटा शहर पुलिस की है. वहीं, बजरी माफिया यहां से सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रकों में बजरी भरकर ले जा रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग के लोग भी मौन ही हैं. जैसे उन्हें कोई जानकारी ही नहीं हो.

पढ़ें- धौलपुर: बजरी माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 12 ट्रैक्टर ट्रॉली बजरी को किया बरामद

नाव के सहारे लेकर आते हैं किनारे

रंगपुर और केशोरायपाटन के बीच में चंबल नदी में काफी गहराई तक रेत का दोहन होता है. इस अवैध गोरखधंधे के लिए बजरी माफिया स्थानीय नागरिकों की मदद लेते हैं. वह बड़ी- बड़ी नाव लेकर चंबल नदी में नीचे उतरते हैं और नीचे से बजरी निकाल निकाल कर नाव में भर लेते हैं. इसके बाद उसी नाव से बजरी को लेकर यह किनारे पर आते हैं और यहां से ट्रैक्टर और ट्रकों में इसे लोड किया जाता है. जिस जगह पर यह बजरी खनन होता है. वहां पर सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली, ट्रक और नाव खड़ी रहती है और इन्हें निकालने वाले लोग भी मौजूद होते है. लेकिन चारों विभागों को यह लोग नजर नहीं आते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details