दिल्ली से मुंबई रेल लाइन का होगा अपग्रेडेशन, ये है प्लान कोटा.मिशन रफ्तार के तहत दिल्ली से मुंबई रेल लाइन का अपग्रेडेशन किया जा रहा है. इस पर वर्तमान में 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनों का संचालन किया जाता है और यह स्पीड बढ़कर 160 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी. मिशन रफ्तार के तहत यह काम बीते 2 सालों से चल रहा है. जिसे इस साल पूरा किया जाना है. कोटा के डीआरएम मनीष तिवारी का दावा है कि इस साल जुलाई तक कोटा रेल मंडल में यह कार्य पूरा हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि इसके बाद कोटा रेल मंडल में 160 की स्पीड से रेल गाड़ियां दौड़ सकेंगी. वर्तमान में दिल्ली से मुंबई के बीच तेजस राजधानी एक्सप्रेस सबसे तेज गति से पहुंचने वाली ट्रेन है. इसके स्टॉपेज भी काफी कम हैं. इसके चलते यह करीब 15 घंटे में 1380 किलोमीटर की दूरी को तय करती है, जबकि जब 160 की स्पीड से ट्रेन इस ट्रैक पर चलने लग जाएगी, तब यह समय और कम हो जाएगा और दिल्ली से मुंबई के बीच का सफर ट्रेन से महज 12 घंटे में पूरा होगा.
पढ़ें:वंदे भारत ट्रेन का 180 की स्पीड में इसलिए हुआ कोटा में ट्रायल, मिशन रफ्तार में शामिल है ये ट्रैक
मुंबई और दिल्ली की दूरी होगी कम: कोटा से रेल मार्ग से दिल्ली की दूरी करीब 465 किलोमीटर और मुंबई की 915 किलोमीटर है. वर्तमान में कोटा से दिल्ली जाने में करीब 5:30 घंटे लगते हैं. वहीं मुंबई जाने में 10 घंटे लगते हैं. इस समय में इस ट्रैक के अपग्रेड होने जाने के बाद कमी आएगी. जहां पर दिल्ली जाने में महज 4 घंटे का समय लगेगा, वहीं मुंबई जाने में 8 घंटे का समय लगेगा. वर्तमान में औसत स्पीड 90 के आसपास है, यह बढ़कर 115 के आसपास हो जाएगी.
मार्च से जुलाई के बीच अलग-अलग क्षेत्र के होंगे काम पूरे:कोटा के डीआरएम मनीष तिवारी का कहना है कि कोटा रेल मंडल में मथुरा से नागदा के 545 किलोमीटर के एरिया को गति शक्ति के तहत मिशन रफ्तार में अपग्रेड किया जा रहा है. इस पर करीब 2665 करोड़ रुपए का खर्चा होगा. यह कार्य तीन अलग-अलग क्षेत्र में विभाजित कर करवाया जा रहा है. जिसमें मथुरा-गंगापुर सिटी 152 किलोमीटर का काम मार्च 2024 तक पूरा होगा. इसी के तहत गंगापुर सिटी से कोटा के 172 किलोमीटर का काम मई और कोटा से नागदा के 221 किलोमीटर का काम जुलाई महीने तक पूरा होगा.
पढ़ें:Indian Railways: 58 नई वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए इन कंपनियों ने लगाई बोली
इंस्टॉल किया जा रहा है कवच सिस्टम: रेलवे ट्रैक के अपग्रेडेशन के कार्य में इलेक्ट्रिकल, संकेत, दूरसंचार व इंजीनियरिंग विभाग जुटा हुआ है. रेलवे ट्रैक के सभी घुमावों को कम किया जा रहा है और ट्रैक को सीधा किया जा रहा है, ताकि तेज गति से चलने वाली ट्रेनों की स्पीड कम करनी नहीं पड़े. ओवरहेड इक्विपमेंट कैंटीलेवर (ओएचई) लाइनों को भी अपग्रेड किया जा रहा है. कवच प्रणाली के तहत ब्लाक सेक्शन में कवच टावर व 87 विद्युत लोको में कवच सिस्टम लगाया जा रहा है. जिनमें 30 लोको में कवच सिस्टम लग चुके हैं. इसके अलावा विद्युत सिस्टम को दुरुस्त रखने के लिए नए ट्रांसमिशन, ट्रांसफार्मर और जीएसएस भी स्थापित किया जा रहे हैं.
पढ़ें:'अभी तक बनी है मात्र 2 वंदे भारत, फिर अगले तीन सालों में कैसे दौड़ेगी 400 नई ट्रेनें'
497 किलोमीटर में फेंसिंग का काम शेष:ट्रैक के दौरान आने वाले सभी रेलवे क्रॉसिंग को खत्म किया जा रहा है. इसके अलावा मवेशियों के रेलवे ट्रैक पर आकर दुर्घटना ग्रसित होना और ट्रेन की गति को कम करने की समस्या से भी निजात मिलेगी. जिसके लिए पूरी तरह से फेंसिंग रेलवे ट्रैक की दोनों तरफ की जा रही है. दिल्ली से मुंबई के बीच पूरे ट्रैक को फैंस किया जा रहा है. कुछ जगह पर बाउंड्री वॉल भी बनाई गई है. कोटा रेल मंडल के 545 किलोमीटर में दोनों तरफ फेंसिंग होनी है, यह 1090 किलोमीटर में होगी. इसमें से 593 किलोमीटर में हो चुका है. जबकि 497 किलोमीटर में कार्य शेष है.