कोटा.कांग्रेस ने आगामी चुनावों की तैयारी शुरू कर दी. इसी को लेकर वर्तमान विधायकों से पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा फीडबैक ले रहे हैं. वहीं, इस फीडबैक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद रहते हैं. कोटा के सात में से तीन विधायक कांग्रेस के हैं. जिनमें से एक मंत्री शांति धारीवाल कोटा उत्तर से आते हैं. वहीं, दूसरे विधायक सांगोद से पूर्व मंत्री भरत सिंह हैं और उनके अलावा तीसरे विधायक पीपल्दा से रामनारायण मीणा हैं. हालांकि, मंगलवार को भरत सिंह को अपना फीडबैक देने के लिए जयपुर जाना था, लेकिन वो नहीं गए. उन्होंने रजिस्टर्ड पोस्ट और व्हाट्सएप के जरिए ही फीडबैक फॉर्म को भरकर प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को भेज दिया. इसके अलावा उन्होंने पीसीसी चीफ डोटासरा और सीएम गहलोत को भी इसकी प्रतियां भेजी हैं.
भरत सिंह ने फीडबैक फॉर्म में पूछे गए सवालों पर कहा कि उन्हें जीरो नंबर मिलने वाले हैं तो वहीं दूसरी तरफ रामनारायण मीणा ने अपने फीडबैक में मंत्रिमंडल पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मौजूदा मंत्रिमंडल में ज्यादातर मंत्री भ्रष्ट हैं और उनके खिलाफ जनता में इंक्वायरी होने की भी चर्चाएं हैं. मीणा यहीं नहीं रुके आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी भ्रष्ट मंत्रियों से दबते हैं.
जाति से वोट मांगूंगा तो जमानत जब्त हो जाएगी -ईटीवी भारत से हुई बातचीत के दौरान भरत सिंह ने कहा कि वे फीडबैक देने के लिए जयपुर नहीं गए. उन्होंने ऑफिस में ही काम किया और फील्ड विजिट की. साथ ही उन्होंने कहा कि वो व्हाट्सएप और रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए अपना फीडबैक भेज दिए हैं. वहीं, जातिगत समीकरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर वो अपनी जाति के वोट में लग जाएंगे तो फिर उनका चुनाव जीतना ही मुश्किल होगा और हो सकता है कि उनका जमानत ही जब्त हो जाए. भरत सिंह ने कहा कि वो सोशल मीडिया के मामले में पूरी तरह से गंवार हैं. लेकिन जहां तक उनकी समझ है तो वोट योजनाओं से मिलते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी को दो सौ से भी ज्यादा सीटें मिल सकती है.
पाताल से भी गहरी है एंटी इनकंबेंसी - विधायक भरत सिंह ने एंटी इनकंबेंसी के सवाल पर कहा कि शरीर के अंदर क्या हो रहा है. ये तो जब फोड़ा होता है, तभी पता चल सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर फोड़ा कैंसर का निकल जाता है तो मरना भी पड़ता है. यह चुनाव के बाद ही पता चलता है. पाताल का तो पता चल जा सकता है, लेकिन एंटी इनकंबेंसी पाताल से भी ज्यादा गहरी होती है. इसका पता नहीं चलता है. इधर, विशेष राय पर उन्होंने कहा कि यह केवल देने के लिए होती है, मानने के लिए नहीं.