कोटा.कोटा में लाखों की संख्या में छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए आते हैं, लेकिन लगातार बढ़ रहे आत्महत्या के मामले को देखते हुए जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने तत्काल प्रभाव से टेस्टों पर रोक लगा दी थी. इससे काफी विद्यार्थी नाखुश भी थे. वहीं, रविवार रात को जिला कलेक्टर ओपी बुनकर कुन्हाड़ी लैंडमार्क स्थित चंबल हॉस्टल एसोसिएशन के गणेशोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे, जहां विद्यार्थियों ने उनसे कोचिंग टेस्ट शुरू कराने की मांग की. इसी बीच बच्चों को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि वो जल्द ही टेस्टों को शुरू कराएंगे.
आगे उन्होंने सभी विद्यार्थियों से कहा कि ये मेडिकल या इंजीनियरिंग एंट्रेंस का मुख्य परीक्षा नहीं है. ये केवल स्थानीय स्तर पर लिया जाने वाला एक टेस्ट है, जिसके जरिए तैयारियों का आकलन होता है. ऐसे में इन टेस्टों में कम या अधिक अंकों की बिना फिक्र किए विद्यार्थी अपना पूरा फोकस पढ़ाई पर रखें और कोई भी गलत निर्णय न करें. कलेक्टर ने कहा कि अगर टेस्ट में कम अंक आए भी उसमें सुधार की शत प्रतिशत संभावना है. ये टेस्ट आप की तैयारियों और गलतियों में सुधार के लिए ही आयोजित होते हैं.