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कोटाः मनरेगा श्रमिकों के साथ सीईओ ने किया 4 घंटे काम, पैसा कम मिलने की श्रमिकों ने की थी शिकायत

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Published : Jun 18, 2020, 3:40 AM IST

कोटा के लाडपुरा विधानसभा में मनरेगा कार्य चल रहा है. बुधवार को जिला परिषद सीईओ ने आलनिया पंचायत समिति में तालाब के निर्माण में चल रहे महात्मा गांधी मनरेगा के कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान मजदूरों ने कम वेतन देने की शिकायत की. वहीं, निरीक्षण के दौरान सीईओ ने मनरेगा श्रमिकों के साथ 4 घंटा काम कर अपना टास्क पूरा किया.

MGNREGA work in Kota,  Kota News
कोटा में मनरेगा का काम

कोटा. जिले के लाडपुरा विधानसभा में गांवों में मनरेगा के कार्य चल रहे हैं. इस दौरान बुधवार को जिला परिषद के सीईओ को मजदूरों को पूरी मजदूरी नहीं मिलने की शिकायत पर आलनिया पंचायत में हो रहे मनरेगा कार्यों का निरीक्षण किया, जहां मजदूरों के साथ काम कर 4 घंटे में अपना टास्क पूरा कर बताया.

कोटा में मनरेगा का काम

बता दें कि बुधवार को जिला परिषद सीईओ ने आलनिया पंचायत समिति में तालाब के निर्माण में चल रहे महात्मा गांधी मनरेगा के कार्यों का निरीक्षण किया. इस पर वहां काम कर रहे श्रमिकों ने कम वेतन देने की शिकायत की. इस पर स्वयं जिला परिषद सीईओ टीकमचंद बोहरा ने गैंती फावड़ा उठाकर गड्ढे खोदने का काम शुरू किया, जिसपर 4 घंटे में उन्होंने अपना टास्क पूरा किया.

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जिला परिषद सीईओ टीकमचंद बोहरा ने बताया कि बुधवार को मनरेगा के कार्यों का निरीक्षण किया है. इस पर लाडपुरा की आलनिया पंचायत में मनरेगा के तहत हो रहे तालाब के निर्माण का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि वहां काम कर रहे मजदूरों ने कम वेतन मिलने की शिकायत की. इस पर जब इस बारे में जांच की तो पता चला कि काम कम करने से इनका पैसा काटा जा रहा है.

सीईओ बोहरा ने बताया कि सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक की कार्य अवधि है. इस दौरान मजदूरों को दिया गया टास्क पूरा किया जाता है, जिस पर प्रत्येक मजदूर को 220 रुपए मजदूरी दी जाती है. टीकमचंद ने बताया कि सरकार की भी यही मंशा है कि जो काम दिया जा रहा है उसको समय पर पूरा करे और पूरा पैसा लें.

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