इटावा (कोटा). कोटा जिले के खातोली थाने में धोखाधड़ी का एक प्रकरण सामने आया है, जिसमें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो झालावाड़ में सीआई के पद पर तैनात रमेशचंद आर्य पर उनकी पहली पत्नी ने धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कराया है. जयपुर पुलिस महानिदेशक को दिए परिवाद में राधाबाई ने पति रमेशचंद आर्य पर सरकार से धोखाधड़ी करने और एंप्लॉई आईडी में स्वयं को अविवाहित बताने का आरोप लगाया है. इस मामले में जिले की खातोली पुलिस ने पहली शादी का तथ्य छुपा कर दूसरा विवाह करने देने का मुकदमा दर्ज किया है.
एएएचओ रामस्वरूप राठौड़ ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया है. इस संबंध में जांच पुलिस उप अधीक्षक सोजीलाल मीणा कर रहे हैं. मामले के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, झालावाड़ में तैनात सीआई रमेशचंद आर्य पर मुकदमा 420 की धाराओं में दर्ज हुआ है. यह मुकदमा उनकी पहली पत्नी राधाबाई ने दर्ज करवाया है. जिसमें बताया है कि 33 साल पहले सन 1988 में उनकी शादी रमेश आर्य से हो गई थी.
उस समय राधाबाई की उम्र 13 साल थी. गौना नहीं होने के चलते वह अपने पीहर में ही रहती थी. इस दौरान रमेश भी पढ़ाई कर रहा था. शादी के 5 साल बाद वह ससुराल जाकर रहने लगी और रमेश पढ़ाई के लिए कोटा चला गया था. ऐसे में वह कुछ दिन वहां जाकर रहती और फिर वापस आ जाती थी. इसके बाद रमेश के सरकारी नौकरी बतौर सब-इंस्पेक्टर लग गई. इसके बाद उसने राधाबाई को छोड़ दिया और ससुराल वाले भी उसे तंग करने लगे जिस संबंध में साल 2004 में खातोली थाने में मुकदमा भी राधाबाई ने दर्ज करवाया.
पत्नी राधा बाई के अनुसार कुछ साल पहले रमेशचंद आर्य ने कोटा के छावनी इलाके में रहने वाली किरण उर्फ जयमाला नाम की महिला से दूसरी शादी की है, जिसके दो संतान है. जबकि पूर्व पत्नी को तलाक भी नहीं दिया गया है. साथ ही स्वयं को सरकारी कागजों में अविवाहित बताया गया है. यह एक धोखाधड़ी का मामला है. इसकी जांच डीएसपी सोजीलाल मीणा कर रहे हैं. रमेश आर्य की पहली पत्नी राधा भाई ने महानिदेशक पुलिस राजस्थान से यह भी मांग की है कि रमेश यादव को नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाए.