बाघ के हमले में केयरटेकर की मौत कोटा.अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के एंक्लोजर में उपचार के लिए गए केयरटेकर की बाघ के हमले में मौत हो गई. शनिवार को मृतक केयरटेकर रामदयाल नागर (55) के शव का एमबीएस अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया. वहीं, चिकित्सकों ने बताया कि बाघ के हमले में जान गंवाने वाले रामदयाल के शरीर पर 28 घाव के निशान देखने को मिले. साथ ही गर्दन के नीचे और फेफड़ों में गहरे घाव की वजह से उसकी मौत हो गई. इसके अलावा कई जगहों पर फ्रैक्चर होने के कारण उनकी हड्डियां भी टूट गई थी.
मेडिकल कॉलेज कोटा में फॉरेंसिक मेडिसिन के एचओडी डॉ. अशोक मूंदड़ा ने बताया कि मृतक रामदयाल के शरीर पर घाव के 28 निशान थे, जिनमें कई जगह फ्रैक्चर भी था. पसलियों और गर्दन की हड्डियां भी टूट गई थी. इसके अलावा शरीर पर अंदरुनी चोट भी आई थी. दूसरी तरफ वन विभाग के कार्मिकों ने बताया कि बाघ ने करीब एक मिनट में कई बार उस पर हमला किया. उसके बाद वो गार्ड के चिल्लाने पर दूर हट गया.
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मृतक केयरटेकर रामदयाल के परिजन बाबूलाल नागर ने कहा कि हमने रामदयाल के शरीर को देखा है. वो बाघ के हमले में बुरी तरह से लहूलुहान हो गए थे, जिससे उनकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि मृतक केयरटेकर के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उनके दो बच्चे बेरोजगार हैं. वहीं, पढ़ी लिखी बेटी के पास भी रोजगार नहीं है. पत्नी का भी कुछ दिन पहले ऑपरेशन हुआ था. परिवार में कमाने वाले केवल रामदयाल ही थे. रामदयाल के पिता का भी 15 दिन पहले ही ऑपरेशन हुआ है. ऐसे में अब केवल व केवल सरकार से ही मदद की उम्मीद है. साथ ही उन्होंने सरकार से 50 लाख मुआवजा के अलावा एक बच्चे को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की. दूसरी तरफ वन्यजीव विभाग के उपवन संरक्षक सुनील गुप्ता ने कहा कि सरकारी स्तर पर मुआवजा और नौकरी का प्रोसेस हमारा रहेगा. ऐसे में हम कोशिश करेंगे कि परिवार को हर संभव मदद मुहैया कराया जाए. इसके अलावा भी अन्य जो भी मदद होगी हम करेंगे. इधर, पुलिस ने रामदयाल के शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को शव सौंप दिया.