कोटा.जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर "नागर शैली" में बूढ़ादीत में सूर्य मंदिर स्थित है. नौवीं शताब्दी का यह सन टेंपल कलात्मक, शिल्प युक्त प्राचीनतम सूर्य मंदिरों में से एक है, हालांकि पर्यटकों की जानकारी में नहीं होने के चलते टूरिस्ट यहां नहीं आते हैं. करीब 1000 साल से भी अधिक पुराना यह मंदिर आज भी पर्यटकों की बाट जोह रहा था. ऐसे में लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने इस मंदिर के लिए प्रयास किया और उन्हीं के निर्देश पर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने बूढ़ादीत के सूर्य मंदिर को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सैद्धांतिक रूप से चिह्नित किया है. मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग को पत्र लिख कर इसके लिए डीपीआर बनाने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में बूढ़ादीत का सूर्य मंदिर विकसित होगा.
स्पीकर ओम बिरला का मानना है कि कोटा सहित पूरे हाड़ौती क्षेत्र गौरवशाली विरासत से समृद्ध हैं. यह विरासत बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर सकती हैं, लेकिन इनके आसपास मूलभूत सुविधाओं के विकास तथा इनको वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के लिए अब तक गंभीर प्रयास नहीं हो सके. इसको देखते हुए उन्होंने केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय को कोटा-बूंदी के कई ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी देकर वहां विभिन्न योजनाओं के तहत विकास करवाने को कहा है.