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चंबल नदी हादसाः नाव पलटने से 13 लोगों के डूबने की पुष्टि...रेस्क्यू जारी

कोटा के गोठड़ा कला गांव के नजदीक चंबल नदी में एक नाव पलट गई. इस हादसे में 13 लोगों के डूबने की पुष्टि की गई है. वहीं, अब तक 11 लोगों के शवों को बाहर निकाला जा चुका है. फिलहाल, कोटा संभागीय आयुक्त कैलाश मीणा और पाटन विधायक की घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

Accident in Chambal river of Kota,  Accident in Chambal River in Etawah
चंबल नदी हादसा

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Published : Sep 16, 2020, 4:36 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 2:06 AM IST

कोटा. जिले के खातोली एरिया में गोठड़ा कला गांव के नजदीक चंबल नदी में एक नाव बुधवार को पलट गई. इस नाव में करीब 25 से 30 लोग सवार थे. इसके अलावा इसमें कुछ सामान और वाहन भी रखे हुए थे. यह लोग नाव के जरिए कमलेश्वर धाम बूंदी एरिया में जा रहे थे. अचानक से जब नाव पलट गई तो इसमें सवार महिलाएं बच्चे और लोग नदी में डूबने लग गए. नाव पलटने से 13 लोगों के डूबने की पुष्टि की गई है. वहीं, अब तक 11 शवों को बाहर निकाला जा चुका है.

12 शवों को निकाला गया बाहर

घटना की सूचना मिलने पर सवाई माधोपुर से भी रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरू की. साथ ही स्थानीय स्तर पर नाविकों और रेस्क्यू की टीम सर्च ऑपरेशन में जुटी हुई है. वहीं, कोटा संभागीय आयुक्त कैलाश मीणा और पाटन विधायक की घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. घटना की सूचना पर भाजपा के पूर्व विधायक विद्याशंकर नंदवाना और भाजपा जिलाध्यक्ष मुकुट नागर भी पहुंचे. उन्होंने प्रशासन से मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपए मुआवजे देने की मांग की है. फिलहाल, रेस्क्यू की टीम सर्च ऑपरेशन में जुटी हुई है.

पढ़ें-चंबल हादसा अपडेट: हर तरफ मचा कोहराम...अपनों से बिछड़े लोग, कई अब भी लापता

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई कहानी...

घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नाव में करीब 18 बाइकें लदी थी. बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी सवार थीं. इनकी कुल संख्या बताना संभव नहीं, लेकिन करीब 18 बाइक के हिसाब से करीब 50 लोग थे. ये सभी लोग कमलेश्वर महादेव मंदिर जा रहे थे. नाव जर्जर हो चुकी थी, इसलिए हादसा हुआ. कई लोग तैरना नहीं जानते थे, इसलिए 13 लोग डूब गए. अब तक 11 लोगों के शव को बाहर निकाला जा चुका है.

आसपास के एरिया में मचा कोहराम...

नाव डूबने के बाद उस इलाके में कोहराम मच गया. महिलाएं और बच्चे बचाव के लिए चिल्लाने लगे. साथ ही अपने आप को डूबने से बचाने के लिए भी नदी में संघर्ष करते रहे. हालांकि, वहां पर किसी भी तरह की कोई सुविधा मौजूद नहीं थी. इसके अलावा उन महिलाओं और बच्चों को किनारे तक लाने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं थी.

Last Updated : Sep 17, 2020, 2:06 AM IST

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