कोटा.कोटा में उपचार के दौरान मृतक व्यक्ति के शव को लेने के लिए पत्नी डेढ़ दिन तक इंतजार करती रही (Kota Wife waits for husband dead body). महिला के साथ उसका भाई भी बैठा रहा. सिस्टम ने उन्हें बेदम कर दिया. लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है इसको समझना भी कम मुश्किल नहीं. मामले की गहराई में जाएं तो पुलिस का लचर रवैया यहां आड़े आता दिखता है.
तंगहाली ने कराया डेढ़ दिन का इंतजार:पति के शव के लिए पत्नी का ये इंतजार सिस्टम की खामियों को उजागर करता है (Kota police Negligence). इस मामले में बात फैली तो पुलिस एक्टिव मोड में आई. बुधवार को बारां जिले के कस्बा थाना पुलिस ने पहुंचकर उसका पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजनों को सौंपा. मृतक की पत्नी कमलेश के पास पैसे भी नहीं थे. तब एक सामाजिक संगठन सामने आया. ह्यूमन हेल्पलाइन के संयोजक मनोज जैन आदिनाथ ने मृतक के शव को गांव ले जाने के लिए राशि मुहैया कराई. आदिनाथ ने पूरे मामले की शिकायत भी बारां एसपी कल्याणमल मीणा से की.
क्या हुआ था आदिवासी बच्चू सिंह को!:मामला बारां जिले के सहरिया आदिवासी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. शाहबाद तहसील के कस्बाथाना क्षेत्र का है. यहीं के बच्चू सिंह की 21 नवंबर की रात 2:00 बजे एमबीएस अस्पताल में मौत हो गई. मामला जहरीली शराब से मौत था इसलिए पुलिस को रिपोर्ट किया गया . जिसके बाद एमबीए चौकी पुलिस ने बच्चू सिंह के शव को मोर्चरी में रखवा दिया. एमबीएस चौकी से बारां जिले के कस्बाथाना पुलिस को इस संबंध में सूचना दी गई. पोस्टमार्टम कराने की बात भी थी. लेकिन बारां पुलिस ने 32 घंटे बाद तक पोस्टमार्टम नहीं करवाया.