कोटा में पूनिया ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना... कोटा.भारतीय जनता पार्टी का रविवार को कोटा में लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र की जन आक्रोश रैली आयोजित हुई. इसमें संबोधित करने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पहुंचे, लेकिन काफी लेट हो गए और कार्यकर्ताओं के लिए भोजन की व्यवस्था भी थी. ऐसे में करीब 3 घंटे देरी से पहुंचे सतीश पूनिया का इंतजार करते कार्यकर्ता भोजन के काउंटर के पास ही प्लेट उठा कर खड़े हो गए.
सतीश पूनिया संबोधन करने पहुंचे तो मंच के सामने उनको सुनने के लिए लोगों के लिए लगाई गई कुर्सियां (Jan Aakrosh Yatra in Kota) बड़ी संख्या में खाली थीं. ऐसे में सतीश पूनिया को ही कहना पड़ा कि भोजन और भाषण के बीच में संघर्ष चल रहा है, जिसमें भोजन का बहुमत ज्यादा है. फिर भी जितनी फौज है, उससे ही काम चलाएंगे.
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हालांकि, इसके पहले संबोधन करने पहुंची कार्यक्रम के आयोजक और लाडपुरा विधायक कल्पना देवी के समय भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई थी. ऐसे में उन्होंने भी मंच से साफ कह दिया था कि भोजन जब तक शुरू नहीं होगा, जब तक प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अपना संबोधन पूरा नहीं कर लेंगे. ऐसे में उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को वापस मंच के सामने बैठने के लिए निर्देशित किया. इस दौरान मंच पर विधायक मदन दिलावर, चंद्रकांता मेघवाल, संदीप शर्मा, पूर्व सांसद इज्यराज सिंह, बीजेपी जिला अध्यक्ष शहर रामबाबू सोनी, देहात मुकुट नागर, पूर्व विधायक हीरालाल नागर सहित बड़ी संख्या में नेता मौजूद थे.
सीपी जोशी को सद्बुद्धि मिले तो उठा की जनता धारीवाल से मुक्त : कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि अब तो सरकार पुरानी हो गई और शांति धारीवाल भी पुराने हो गए हैं. कुछ ज्यादा ही पुराने नहीं हो गए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2023 में भारतीय जनता पार्टी का सूरज उदय होगा और कांग्रेस सरकार का अस्त होगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री धारीवाल इस्तीफा दिया हुआ है. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अगर भगवान सद्बुद्धि दे दे, तो कोटा की जनता का भी कल्याण हो जाएगा.
सभा के दौरान सतीश पूनिया और जमा हुई लोगों की भीड़... सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार ने अवाम को भगवान के भरोसे छोड़ा हुआ है. यह पूरी तरह से अकर्मण्य, नकारा, निकृष्ट और भ्रष्ट सरकार है. सरकार के 17 दिसंबर को 4 साल पूरे हुए हैं. 2018 के चुनाव में 27 पेज के जन घोषणापत्र में 426 बिंदु थे, लेकिन केवल 19 बातों की चर्चा सरकार कर रही है. इनमें कानून व्यवस्था, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का कोई जिक्र नहीं है.
शिकायत की गठरी अशोक गहलोत के माथे पर रखेंगे : पूनिया ने कहा कि लोग कहते हैं कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है, लेकिन मेरा मानना है कि जनता में सरकार के प्रति आक्रोश है. जन आक्रोश यात्रा के तहत हम 1 लाख किलोमीटर चल 2 करोड़ लोगों तक जा रहे हैं. इसमें 5 लाख कार्यकर्ता जुटे हुए हैं. इसमें मिली शिकायतों को हम अपने घोषणा पत्र में शामिल करेंगे, साथ ही इनकी गठरी बनाकर सीएम अशोक गहलोत के माथे पर रखेंगे. राजस्थान की 4 साल से पीड़ित जनता ने बिजली, सड़क, पानी, स्कूल व अस्पताल के लिए अपनी बातों को हमारे समक्ष रखा है.
मेरी जगह मेरी पत्नी का आक्रोश कांग्रेस सरकार पर निकल रहा : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने से पहले मेरी पत्नी का आक्रोश मेरे पर निकलता था, लेकिन सरकार आने के बाद मैं कंफर्टेबल हो गया हूं. उसका पूरा आक्रोश कांग्रेस के खिलाफ रहता है. क्योंकि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने 5 लाख करोड़ का कर्जा लिया है.
ऐसे में जन्म लेने वाला बच्चा 80,000 रुपए का कर्ज (Debt on Rajasthan) अपने माथे के बोझ के तले लेकर आता है. विकास दर में प्रदेश 2018 में जहां 12वें नंबर पर था, अब 24वें नंबर पर पहुंच गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान के हालात अफ्रीकी देशों जैसे हो गए हैं. जैसे वहां पर भुखमरी, बेरोजगारी और बेकारी है, वैसे ही हालात यहां हैं.