कोटा. डेंगू का कहर पूरे प्रदेश में चल रहा है. कोटा में सर्वाधिक डेंगू के केस लगातार सामने आ रहे हैं. डेंगू के मरीजों के उपचार में काम आने वाली सिंगल डोनर प्लेटलेट की भी कमी बनी हुई है. क्योंकि इसके किट ही विदेशों से भारत में पर्याप्त सप्लाई में नहीं मिल रही हैं. इसके चलते केवल लाइफ सेविंग कंडीशन में ही मरीजों को सिंगल डोनर प्लेटलेट्स उपलब्ध करवाई जा रही है. चिकित्सकों का कहना है कि जिन मरीजों की प्लेटलेट काउंट 10000 से नीचे पहुंच गई है या फिर उनके ब्लीडिंग की शिकायत हो गई है, ऐसे ही मरीजों को इमरजेंसी के रूप में सिंगल डोनर प्लेटलेट्स एमबीएस अस्पताल के ब्लड बैंक से उपलब्ध करवाई जा रही है. अन्य मरीजों को रैंडम डोनर प्लेटलेट्स ही दी जा रही है.
रैंडम डोनर प्लेटलेट्स के भरोसे ही डेंगू के मरीज हैं. ऐसे में उन्हें एक एसडीपी की जगह तीन से चार आरडीपी चढ़ाई जा रही है. लगातार डेंगू के मरीजों की मांग बढ़ रही है कि एमबीएस अस्पताल के ही ब्लड बैंक की बात की जाए, तो इस महीने महज 15 दिनों में ही 1030 आरडीपी मरीजों को जारी की गई है.
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यानी कि 1 दिन में 70 से भी ज्यादा का औसत आ रहा है. डेंगू के सीजन के पहले जब मरीजों को मिल रही थी, तब यह औसत 20 से 25 प्रतिदिन ही जारी होती थी, लेकिन अब यह दुगनी से भी ज्यादा बढ़ गई है. बीते 3 महीने की बात की जाए तो, अब तक 2600 आरडीपी मरीजों को जारी की जा चुकी है. आरडीपी के लिए लगातार कैम्पों के लिए भी स्वयंसेवी संस्थाओं से भी संपर्क कर रहे हैं, ताकि रक्तदान चलता रहे आरडीपी केवल 5 दिन तक ही उपयोग में ली जा सकती है. इसीलिए इसका ज्यादा बनाना भी नुकसान दायक है.
किट की स्थिति अभी भी नहीं हुई सामान्य