कोटा.देश के किसानों ने केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए तीन कृषि कानून के विरोध में शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा का देशव्यापी भारत बंद का आह्वान है. इसी के तहत राजस्थान के कोटा जिले में भी संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के की तरफ से भारत बंद का आह्वान किया गया था. लेकिन कोटा जिला मुख्यालय पर बंद का असर आज नहीं दिख रहा.
कोटा में किसानों का भारत बंद रहा बेअसर वहीं, भारत बंद कोटा में बेअसर रहा. जिसमें किसानों ने कृषि उपज मंडी फल थोक सब्जी मंडी बंद का जो एक दिन पहले दावा किया था, वह भी विफल रहा. जिसमें दोनों मंडियों में किसान अपना माल लेकर पहुंचे और कारोबार जारी रहा. वहीं, बाजार की बात करें तो तमाम बाजार प्रतिष्ठान सामान्य दिनों की तरह खुले रहे और कारोबार जारी रहा.
इसके साथ ही सुबह 11:30 बजे अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसान श्रमिक संगठन, मजदूर संगठन, सामाजिक संगठन, मजदूर यूनियन, ट्रेड यूनियन आदि घटोत्कच चौराहे पर एकत्रित हुए और यहां से शहर के विभिन्न मार्गों से संघर्ष समन्वय समिति की ओर से पैदल वाहनों पर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली गई. कुछ किसान साइकिल पर भी सवार नजर आए.
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रैली में तिरंगे झंडे लेकर रैली में शामिल लोग चले. इस दौरान रैली में शामिल किसानों ने व्यापारियों से हाथ जोड़कर भारत बंद के बेअसर को देखते हुए दुकानें बंद करने की अपील की. साथ ही कई दुकानदारों ने किसानों की रैली को देखते हुए अपनी दुकानों के शटर कुछ देर के लिए बंद किए. आगे रैली गुजरने के बाद व्यापारियों ने वापस दुकानों के शटर ऊपर किए, तो कोटा शहर में बंद का असर पूरी तरह से बेअसर नजर आया.
किसानों ने कहा कि अगर व्यापारिक वर्ग किसानों के समर्थन में बाजार बंद नहीं करता है तो माना जाएगा कि वे लोग सरकार का समर्थन कर रहे हैं. जबकि गरीब तबका महंगाई की मार झेल रहा है. महंगाई की मार केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण हो रही है. वहीं, जब यह कृषि कानून पूरी तरह से देश में लागू होंगे तो महंगाई का ग्राफ और बढ़ेगा. इसके अलावा देश का किसान चाहता है कि यह तीन कृषि कानून वापस सरकार ले.
अगर सरकार 3 कृषि कानून वापस नहीं लेती है तो देश का किसान लगातार अपना आंदोलन जारी रखेगा. किसानों ने कहा है कि भारत बंद को लेकर किसान जोर जबरदस्ती किसी के साथ नहीं करेगा. अगर किसानों के समर्थन में व्यापारिक अपने प्रतिष्ठान बंद करते हैं तो किसान उसका स्वागत करते हैं. अगर व्यापारी दुकानें बंद नहीं करते हैं तो किसान किसी के साथ जबरन दुकानें बंद नहीं करवाएंगे. बता दें कि आज पूरे दिन किसान भारत बंद का समर्थन हर वर्ग से जुट आएगा. किसान भारत बंद को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए प्रयासरत है.