क्या कहते हैं कर्नल इंद्रजीत सिंह, सुनिए.... कोटा.भारतीय सेना में भर्ती की नई स्कीम अग्निवीर के तहत दूसरे साल भी आवेदन शुरू कर दिए गए हैं. इसके लिए भर्ती परीक्षा कोटा सेना भर्ती कार्यालय के जरिए 17 अप्रैल से शुरू होगी. वहीं, 15 मार्च तक इसके लिए आवेदन ऑनलाइन लिए जा रहे हैं. इसी तरह से आवेदन प्रदेश के अन्य चार आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिस (एआरओ) जयपुर, जोधपुर, अलवर और झुंझुनू में भी हो रहे हैं. हालांकि, राजस्थान में कोटा एआरओ के अधीन 17 जिले आते हैं. यह आधे राजस्थान से भी ज्यादा है, लेकिन यहां सेना भर्ती रैली के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवाओं का उत्साह काफी कम है.
एक अंदाज के मुताबिक महज 12 फीसदी रजिस्ट्रेशन आधा राजस्थान के जिले होने के बावजूद कोटा सेना भर्ती कार्यालय का होता है. जबकि प्रदेश के अन्य चारों एआरओ में 16 जिले होने के बावजूद कुल रजिस्ट्रेशन का 88 फीसदी योगदान होता है. इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि कोटा एआरओ के अधीन आने वाले कई जिले ऐसे हैं, जहां पर बीते साल अग्निवीर स्कीम सेना भर्ती में 1000 युवाओं ने भी सेना भर्ती के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई हैं. जबकि पूरे राजस्थान से अग्निवीर भर्ती रैली में करीब 6 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. ऐसे में इन जिलों का योगदान 1 प्रतिशत भी नहीं है.
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इस तरह से कोटा एआरओ का है महज 12 फीसदी रजिस्ट्रेशन : कोटा सेना भर्ती कार्यालय के निदेशक कर्नल इंद्रजीत सिंह के मुताबिक बीते साल अग्नीपथ योजना के तहत कोटा में करीब 73 हजार 800 के आसपास रजिस्ट्रेशन हुए थे. जबकि अलवर और झुंझुनू में यह आंकड़ा डेढ़ लाख के आसपास पहुंच गया था. वहीं, जोधपुर और जयपुर में भी यह आंकड़ा एक लाख से ऊपर था. इसके अनुसार करीब 6 लाख के आसपास रजिस्ट्रेशन राजस्थान में अग्निपथ 2022 सेना भर्ती रैली में रजिस्ट्रेशन हुए थे.
कोटा एआरओ में अजमेर अव्वल जिला, जबकि बांसवाड़ा सबसे पिछड़ा : कर्नल इंद्रजीत सिंह के अनुसार कोटा एआरओ में भी सर्वाधिक हिस्सेदारी अजमेर जिले की है. यहां पर 14 हजार के आसपास रजिस्ट्रेशन होते हैं. इसके बाद करौली जिले का नंबर आता है, जहां से 7000 रजिस्ट्रेशन हुए थे. वहीं, भीलवाड़ा, दौसा और टोंक जिले में करीब 6000 के आसपास रजिस्ट्रेशन हुए थे. जबकि बांसवाड़ा में 800 और डूंगरपुर में 900 रजिस्ट्रेशन ही थे. इसी तरह से प्रतापगढ़ में 1200 व उदयपुर में 1800 रजिस्ट्रेशन ही हुए थे. इसके अलावा बारां और सवाई माधोपुर से भी रजिस्ट्रेशन की संख्या काफी कम है.
इस साल के रजिस्ट्रेशन में भी पिछड़े हुए हैं प्रतापगढ़, उदयपुर और बांसवाड़ा : कर्नल इंद्रजीत सिंह का कहना है कि 16 फरवरी से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया और यह 15 मार्च तक चलेंगे. इसमें अभी तक के रजिस्ट्रेशन के अनुसार भी अजमेर, पाली और भीलवाड़ा जिले आगे चल रहे हैं. यहां पर 10 से 30 फीसदी तक रजिस्ट्रेशन हुआ है. जबकि बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर और झालावाड़ जिले पिछड़े हुए हैं. यहां पर 2 से 6 फीसदी ही रजिस्ट्रेशन हुए हैं.
जहां कम रजिस्ट्रेशन, वहां और करेंगे जागरूकता : कर्नल इंद्रजीत सिंह का कहना है कि जिन जिलों में रजिस्ट्रेशन कम है. हमारी कोशिश यह है कि जिलों में ज्यादा पहुंच कर लोगों को जागरूक किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे भर्ती होकर अपना लाभ कर सके और देश सेवा में हिस्सा ले सकें, जहां बच्चे कम भर्ती होते हैं. जिसके कारणों का पता लगाया जाए और उस लिहाज से इन इलाकों में जाकर अभ्यर्थियों की समस्या जान रहे हैं. उनकी समस्याओं के बारे में मदद करेंगे, ताकि वे भर्ती का ज्यादा फायदा ले सकें.
एआरओ के अनुसार रजिस्ट्रेशन व जिले :
- जोधपुर स्थित एआरओ अधीन सिरोही, बाड़मेर, जालोर, जैसलमेर, नागौर और जोधपुर जिले आते हैं. जोधपुर एआरओ में बीते साल साल एक लाख से ज्यादा युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया था.
- अलवर एआरओ में अलवर, भरतपुर व धौलपुर जिले आते हैं. यहां पर डेढ़ लाख रजिस्ट्रेशन हुआ था.
- झुंझुनू एआरओ में चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझुनू व बीकानेर जिले में भी डेढ़ लाख रजिस्ट्रेशन था.
- जयपुर एआरओ के अधीन महज 2 जिले सीकर और जयपुर होने पर भी एक लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन युवाओं का था.
- इधर कोटा एआरओ के अधीन अजमेर, बारां, बूंदी, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, दौसा, झालावाड़, कोटा, करौली, पाली, प्रतापगढ़, राजसंमद, सवाई माधोपुर, टोंक और उदयपुर जिले आते हैं, जहां पर बीत साल 73800 रजिस्ट्रेशन भर्ती रैली के लिए हुए थे.