रामगंजमंडी (कोटा).बाघों की मौत के बाद वन्यजीव प्रेमियों ने भी केनाइन डिस्टेंपर वायरस की आशंका जताते हुए जांच कराने की मांग रखी थी. ऐसे में जब मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की बाघिन एमटी-4 की तबीयत बिगड़ी तो अधिकारियों ने उसका मेडिकल चेकअप कराया. इसकी रिपोर्ट बरेली की लैब से कोटा के अधिकारियों को मिल चुकी है. जिसमें मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की बाघिन एमटी-4 की मेडिकल जांच रिपोर्ट में केनाइन डिस्टेंपर की एंटी बॉडी मिली है. ऐसे में इससे इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यहां जिन बाघों की मौत हुई, उन्हें केनाइन डिस्टेंपर की बीमारी नहीं थी.
सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में एमटी-4 को केनाइन डिस्टेंपर की एंटी बॉडी मिली है, वहीं अधिकारियों की मानें तो अब एमटी-4 को कोई खतरा नहीं है. वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि इस बात का पता चलने पर अब अन्य जीवों को भी सुरक्षित किया जा सकेगा. इससे मुकुंदरा में अब फिर स्वस्थ माहौल में बाघों का पुनर्वास किया जा सकेगा. विशेषज्ञों के अनुसार जिस जीव को ये बीमारी है उसे आहार बनाने पर बाघों को भी खतरा उत्पन्न हो जाता है. ये खतरनाक वायरस कुत्तों और दूसरे पालतू पशुओं से बाघों में पहुंचता है और न केवल बाघों को बीमार करता है, बल्कि उनके नर्वस सिस्टम खासतौर पर मस्तिष्क को प्रभावित करता है.