रामगंजमंडी (कोटा). शहर में नगर पालिका क्षेत्र की निगरानी के लिए लगे सीसीटीवी कैमरे बंद पड़ गए हैं. इन सभी 43 कैमरों में से सिर्फ एक ही कैमरा काम करता नजर आया. आपको बता दें की सन् 2016 में क्षेत्र में 43 कैमरे लगाए गए थे. जिनमें से 35 कैमरों का कन्ट्रोल रूम रामगंजमंडी थाने में बनाया गया है.
वहीं से पुलिस शहर के असामाजिक तत्वों पर निगरानी करती थी. साथ ही इन कैमरों के कारण शहरवासियों को कई मामलों में फायदा होता था. शहर में होने वाली कई वारदातों का सीसीटीवी फुटेज को साक्ष्य मानकर खुलासा हो जाया करता है. आपको बता दें कि शहर में प्रमुख चौराहों और बाजारों में कुल 43 सीसीटीवी कैमरे लगाए गये थे. इनमें 38 बुलेट कैमरे लगाए गए थे. वहीं पांच कैमरे पीटी जेड (पैन-टिल्ट-जूम) प्रकार के लगाए गए थे. यह कैमरे 360 डिग्री तक घूम जाते हैं. इससे चारों दिशाओं में हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकती है.
शहर के सभी 43 कैमरे हुए खराब बता दें कि पालिका प्रशासन की बड़ी लापरवाही के चलते इन कैमरों की गड़बड़ियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसके बाद कैमरों के हालत इस कदर हो गई है कि 43 कैमरों में मात्र 1 कैमरा चालू नजर आया है. वहीं उसका भी डायरेक्शन गलत दिशा पर दिखाई दे रहा है. इन कैमरों की लगभग लागत 17 लाख रुपये की थी. जिसमें 15 लाख रुपये विधायक कोष से लगाये गए थे. बाकी नगर पालिका के सहयोग से लगवाए गए थे.
पढ़ें: एसीबी ट्रैप मामले पर बोले बिधूड़ी...कहा- खाकी और सफेदपोश के बैगर ये काम संभव नहीं
वहीं रामगंजमंडी थाना सीआई धर्मेंद्र ने बताया कि नगर पालिका क्षेत्र में लगे केमरे तकरीबन 3 माह से बन्द पड़े हैं. शहर के मुख्य बाजार, पन्नालाल चौराहा, अम्बेडकर सर्किल, स्टेशन चौराहा, माल गोदाम चौराहा, सरकारी कुआ चौराहा, नारायण टाकीज चौराहा और अन्य जगहों पर ये कैमरे लगे हुए हैं. लेकिन इनमें मात्र 1 स्टेशन चौराहे वाला कैमरा काम कर रहा है.
बता दें कि कुछ दिनों पहले शहर के मुख्य बाजार से प्रेमचंद और अंशुल जैन की बाइक चोरी हुई थी. पुलिस का कहना है कि अगर बाजार सें लगे कैमरे चालू होते तो चोरों को पकड़ा जा सकता था. साथ ही सीआई ने बताया कि शहर में खैराबाद चौराहे से अदालत रोड़ मारुति नगर तक कोई कैमरे नहीं लगे हुए हैं. कुछ दिनों पहले शहर के मारुति नगर में चोरों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. जिसका खुलासा भी बाजार में लगे निजी कैमरे की मदद से किया गया था. वहीं कर्षि उपज मंडी से धनिया चोर का भी खुलासा निजी कैमरे की मदद से किया गया था.