तोमर ने मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर किया रिएक्ट कोटा.कृषि महोत्सव में भाग लेने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बुधवार को कोटा पहुंचे. यहां मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है. कुछ दिन पहले उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए मोदी सरकार की तारीफ की थी. इसके बाद उन पर दबाव बना हुआ था. मंत्री तोमर ने कहा कि मोदी सरकार की तारीफ दुनिया में सब जगह कर रहे हैं. आलोचना करने वाले लोगों की आत्मा को भी टटोलकर देखा जाए तो मोदी की तारीफ ही करेंगे.
बीबीसी की मोदी सरकार पर बनी डॉक्यूमेंट्री पर विवाद पर मंत्री तोमर ने कहा कि इस तरह के षड्यंत्र आदिकाल से चलते आ रहे हैं. जब भी कोई नेता या व्यक्ति अच्छा करने का प्रयास करता है तो कुछ ताकतें ऐसी होती हैं, जो हिंदुस्तान को बदलते हुए नहीं देखना चाहती. सबके लिए गौरव का विषय है कि मोदी का नेतृत्व सशक्त रूप से आज भारत को मिल रहा है. उनकी कार्य कुशलता, परिश्रम और दूरदृष्टि का परिणाम है कि आज दुनिया में भारत की साख बढ़ रही है. देश में भी समस्याओं का समाधान हो रहा है.
पढ़ें-BBC Documentary Controversy: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रुकवाने के लिए प्रशासन ने कटवाई लाइट, पथराव
कृषि जिंस व उत्पादन की डिजिटल मैपिंग - पूरे देश की कृषि जिंसों की डिजिटल मैपिंग करवाई जा रही है, जिससे यह पता चले कि उत्पादन कितना है और किस जगह पर किस चीज की जरूरत है. किसानों को यह भी सलाह दी जा सके कि उन्हें कौन सी फसल का उत्पादन ज्यादा करना चाहिए. किस जगह पर भाव अच्छे चल रहे हैं. तोमर ने माना कि जिंसों के चलते कृषि उत्पादन में उतार-चढ़ाव रहते हैं. सरकार के भी संज्ञान में है, इसको लेकर हम प्रयत्नशील हैं कि डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन शुरू किया जाए. इसमें राज्य सरकारों की भी मदद ली जाएगी. इसके बाद पूरे देश में फसलों की मैपिंग होगी, जिससे कि सभी को मालूम रहे कि कौनसी जगह, क्या जरूरत है, कितना उत्पादन कहां पर हुआ है और कहां पर कितना माल पड़ा हुआ है.
शुगर मिल चलाने के लिए खुद को चलाने पड़ेंगे हाथ पैर-बूंदी जिले के केशोरायपाटन इलाके में स्थित शुगर मिल को संचालित करने के लिए किसानों का प्रतिनिधिमंडल मंत्री तोमर से मिला. तोमर ने कहा कि किसानों को उनका आग्रह है कि शुगर मिल को चालू किया जाए. मैंने उनको आग्रह किया है कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मिलकर इस निर्णय को कराएं. उसके बाद केंद्र सरकार को संबंधित शुगर मिल बनाने व एथेनॉल के लाइसेंस को जल्द दिलाया जाएगा. इसके लिए जब राज्य सरकार केंद्र सरकार से अनुरोध करेंगे, तो हम उनको मदद करेंगे. इसके पहले किसानों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि शुगर मिल चालू करवाने के लिए उन्हें खुद हाथ पैर चलाने पड़ेंगे. फसल बीमा पर उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे में यह राज्य का विषय है. कंपनी आवंटित करने के लिए टेंडर राज्य सरकार करती है. केंद्र सरकार अपना बीमा के प्रीमियम की राशि जमा करा देती है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोटा जिले में किसी तरह की गड़बड़ हुई है, तो वह अपने जॉइंट सेक्रेटरी को कह कर जांच करवा लेंगे।
पढ़ें-Special : केले के फाइबर से बना सेनेटरी पैड, किसानों की आमदनी में भी इजाफा
इनाम प्रोजेक्ट किसानों को नुकसान से बचाएगा- तोमर ने कहा कि इनाम प्रोजेक्ट के तहत भी ट्रेडिंग शुरू की है. इसी को लेकर अभी तक हम 1000 से ज्यादा कृषि मंडियों को इनाम प्रोजेक्ट के तहत से जोड़ चुके हैं. इसकी मदद से अब किसानों को देशभर की सभी मंडियों के भाव की जानकारी मिल जाएगी. कई बार ऐसा होता है कि कोटा में अगर लहसुन के भाव कम हैं, लेकिन दिल्ली में ज्यादा हैं. भाव की जानकारी नहीं होने पर किसानों अपने माल को सस्ता कोटा में ही बेच देते हैं. उन्हें दिल्ली या कोलकाता के भाव की जानकारी होगी तो वहां जाकर अपना माल बेच सकेंगे. इससे किसानों को नुकसान नहीं होगा.
पढ़ें-PM Bhilwara Visit: PM मोदी 28 जनवरी को पहुंचेंगे डबोक एयरपोर्ट, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
भाजपा में फेस कमल का निशान, कोई कार्यकर्ता दुविधा में नहीं रहे - केंद्रीय मंत्री तोमर ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक व छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत का दावा भी किया. जब उनसे पूछा गया कि वह गुजरात मॉडल लागू कर विधायकों के टिकट अन्य राज्यों में भी काटे जाएंगे. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर हम मीडिया को अपनी योजना बता देंगे, तो उसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा. योजना पार्टी के गर्भ में है और रणनीतिकार लोग राज्य और केंद्र में बैठे हुए योजना बना रहे हैं. जिस पर ही आगामी चुनावों में अमल किया जाएगा. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि किन राज्यों में चुनाव है वहां बीजेपी के लिए सीएम फेस एक चुनौती बना हुआ है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि किसी को भी दुविधा में नहीं रहना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी में एक ही फेस कमल का निशान है और पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता दुविधा में नहीं है.