कोटा.झाड़गांव ग्राम पंचायत के गांव रामनगर में संचालित आंगनबाड़ी भवन के पूर्ण रूप से जर्जर होने और जर्जर भवन में आगंबाड़ी केंद्र संचालित होने से ग्रामीणों में काफी नाराजगी है. ग्रामीण अपने बच्चों को लेकर हमेशा डर के साये में आगनबाड़ी भेजते है. जिसके बाद भी परिजनों को आगनबाड़ी में भेजे गए अपने बच्चों की चिंता सताती रहती है. वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन से रामनगर गांव में नया आगनबाड़ी भवन बनवाने की मांग कि है.
जर्जर भवन में आगनबाड़ी केंद्र हो रहा संचालित, बच्चों की जान को खतरा - kota
झाड़गांव ग्राम पंचायत के गांव रामनगर में आगंनबाड़ी भवन जर्जर हालत में है. भवन की चारों ओर से दीवार टूट रही है. चिंता की बात है कि इसी जर्जर भवन में गांव के बच्चे रोज पढ़ने आते है.
रामनगर गांव में जिस जगह आगंनबाड़ी केंद्र संचालित होता है, उसी भवन में राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामनगर का भी संचालन होता है, जहां केवल दो कमरे बने हुए है जिनमें विद्यालय की 5 कक्षाएं भी संचालित होती है. वही इस स्कूल के जर्जर भवन में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किया जाता है. जिससे बच्चों को हमेशा जान का खतरा बना रहता है. आगनबाड़ी संचालन कर्ता संतोष बाई आर्य ने बताया कि उन्होंने कई बार इस जर्जर भवन को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया.
जिसके चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. वही विद्यालय के प्रधानाध्यापक राहुल सेन का कहना है कि आगनबाड़ी भवन क्षतिग्रस्त है इसके चलते विद्यालय के बरामदे में आगनबाड़ी के बच्चों को बैठाने से हमने कभी मना नहीं किया है. लेकिन आगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों को खुले मैदान में बैठाती है.