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कोटा में मावा की महा मिलावट का खेल...हर साल 30 फीसदी नमूने होते हैं फेल

त्यौहारों का सीजन आ चुका है, दीपावली भी नजदीक है. ऐसे में शहर में मावा और दूध से बने उत्पादों की डिमांड भी बढ़ चुकी है. इसकी खपत बढ़ने के चलते मावे की डिमांड पूरी नहीं हो पाती है. इससे नकली और घटिया क्वालिटी मावा बनाने वाले मिलावटखोरों का खेल शुरू हो जाता है.

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Published : Oct 12, 2019, 7:48 PM IST

कोटा.दीपावली के त्यौहार को लेकर शहर में मावा और दूध से बने उत्पादों की डिमांड अचानक से बढ़ गई है. इसकी खपत बढ़ने के चलते मावे की डिमांड पूरी नहीं हो पाती है. इससे नकली और घटिया क्वालिटी का मावा बनाने वाले मिलावट खोरों का खेल शुरू हो जाता है.

कोटा में आ रहा मिलावटी मेवा

खाद्य सुरक्षा अधिकारी चंद्रवीरसिंह जादौन का कहना है कि उन्होंने इस साल 198 नमूने लिए हैं, जिनमें से 57 नमूने फेल हो गए हैं. वहीं 31 नमूनों की रिपोर्ट आना बाकी है. साथ ही उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 से लेकर अब तक उन्होंने 1792 नमूने लिए हैं. जिनमें से 533 नमूने फेल हुए हैं. इसी तरह से वर्ष 2015 से अब तक 1074 नमूनों में से 330 फेल हो गए हैं. यानी कि साफ है कि खाद्य सुरक्षा टीम जितने नमूने ले रही है, उसमें से 30 फ़ीसदी नमूने फेल हो रहे हैं.

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दीपावली आने से बढ़ेगी खपत

  • गुमानपुरा में मावे की दुकान लगाने वाले व्यापारियों का कहना है कि वहां पर 50 से 60 के करीब दुकानें हैं.
  • जिनमें रोजाना करीब 3 से 4 टन मावे की खपत होती है, दीपावली या फिर त्योहारी सीजन हो.
  • यह खपत बढ़कर 5 से 6 क्विंटल के आसपास पहुंच जाती है.

खाद्य सुरक्षा अधिकारी अरुण सक्सेना का कहना है कि पूर्व में लिए गए जो नमूने फेल हुए हैं. उनमें कई नमूने फेल हुए थे, जिन पर नियमानुसार कार्रवाई जारी है. दीपावली नजदीक आने के चलते दूध व मावा और इनसे बने प्रोडक्ट की खपत बढ़ेगी.

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कोटा के व्यापारी दावा कर रहे हैं कि वह जिले के आसपास का ही मावा उपयोग में लेते हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश और दिल्ली में बनने वाले मावे की कोटा में सप्लाई रोक दी है. उनका यह भी कहना है कि वहां का मावा क्वालिटी में कमजोर आता था, ऐसे में वहां से हम नहीं मंगवा रहे हैं.

अस्थाई मावा व्यापारी करते हैं गड़बड़ी

कोटा के व्यापारियों का कहना है कि जो परमानेंट दुकान है, वहां पर घटिया या गड़बड़झाले वाले मावे का काम नहीं होता है. ऐसा काम करने वाले छुटपुट दुकान लगाने वाले लोग होते हैं या फिर जो साइकिल यह बाइक पर मावा बेच रहे हैं, वह इस तरह के काम और गोरखधंधे को अंजाम देते हैं. वे लोग हल्का और मिलावटी मावा शहर में सप्लाई करते हैं.

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इस साल बड़ी मात्रा में मिला नकली पनीर और मिल्क केक

  • खाद सुरक्षा विभाग ने इसी साल राखी के पहले 2000 किलो घटिया मिल्क केक और मलाई बर्फी पकड़ी थी.
  • जो लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने के लिए बाजार में बेची जानी थी.
  • यहां पर भी सूजी वनस्पति तेल और घटिया मिल्क पाउडर सामग्री से मिल्क केक और मलाई बर्फी बनाई जा रही थी.
  • इसके पहले फरवरी माह में होली के पहले तेल और मिल्क पाउडर से बना 300 किलो नकली पनीर भी खाद्य सुरक्षा विभाग ने पकड़ा था.
  • जो शादियों के सीजन में अलग-अलग जगह सप्लाई होना था. इसे एक निजी बस से फूड सेफ्टी ऑफिसर ने पकड़ा था, जो मध्य प्रदेश से कोटा में सप्लाई होने आया था.
वर्ष सैम्पल लिए फेल परिणाम बाकी
2015 235 81 0
2016 226 74 0
2017 189 51 0
2018 224 67 0
2019 198 57 31
कुल 1074 330 31

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खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने दीपावली के त्यौहार को देखते हुए विशेष अभियान छेड़ा हुआ है. इसमें मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. जिसके तहत इस माह में 20 नमूने लिए हैं. जिनको जांच के लिए भेजा जाएगा. इनमें मिलावटी मिलने वाले नमूनों के खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि कोटा में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स नहीं है, ऐसे में मावा बाहर से ही आता है. जिस पर निगाह रखे हुए है.

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