कोटा. हाड़ौती में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि लगातार हो रही है. सोमवार को भी कोटा और बूंदी के कई इलाकों में ओलावृष्टि हुई. जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है. कृषि विभाग के आंकलन के अनुसार हाड़ौती में कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में करीब 86000 हेक्टेयर में फसल खराब हुई है. इसमें सर्वाधिक नुकसान गेहूं में हुआ है. इसके अलावा चना, सरसों, जौ और मसूर में भी खराबा हुआ है. साथ ही लहसुन और अन्य सब्जियों में भी खराबा होना सामने आ रहा है.
कई इलाकों में 50 फीसदी तक फसल खराब: अतिरिक्त निदेशक कृषि पीके गुप्ता के अनुसार 12 लाख 20 हजार 141 हेक्टेयर में रबी की फसल की बुवाई की गई थी. जिसके बाद किसानों का पूरे सीजन अच्छा मौसम रहने के चलते उत्पादन भी काफी अच्छा रहा रहने का अनुमान था. लेकिन अचानक से कटाई के समय ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश का क्रम लगातार जारी है. इसके चलते कई इलाकों में 50 प्रतिशत तक खराबा हुआ है. उनका कहना है कि अभी तक के आंकलन में 85 हजार 868 हेक्टेयर में खराबी की बात सामने आई है.
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गेहूं में 60 हजार हेक्टेयर में खराबा: पीके गुप्ता के अनुसार हाड़ौती में सर्वाधिक खराबा गेहूं की फसल में 60384 हेक्टेयर में हुआ है. इसके साथ ही 9288 हेक्टेयर में चने की फसल के चारों जिलों में खराब हुई है. वहीं सरसों की फसल में 6640 हेक्टेयर के आसपास खराबे का आंकलन किया गया है. वहीं जौ की फसल 2325 हेक्टेयर में खराब हुई है. मसूर की फसल भी करीब 1000 हेक्टेयर में अनुमानित खराब मानी गई है. यह पूरी पूरी फसल बूंदी जिले में ही उत्पादित की गई है. इसके साथ ही सब्जियों और धनिया में भी खराबा काफी हुआ है. यह 6231 सेक्टर के आसपास माना जा रहा है.