करौली.सरकारी नौकरी की तलाश में लगे युवाओं की कतार बहुत लंबी है, लेकिन जिले के कुछ युवाओं ने इस कतार से निकलकर सब्जी के व्यापार में अपना भाग्य आजमाया और लाखों रुपए कमाने लगे. दरअसल जिले के पंचायत समिति श्रीमहावीरजी के कृषक जीतमल सैनी ने बीएसटीसी (BSTC) और ग्रेजुएशन (GRADUCTION) की उपाधि लेने के पश्चात सरकारी नौकरी की तलाश में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर परीक्षाएं दी, लेकिन उन्हें लगातार असफलताओं का सामना करना पड़ा. जिससे उनका मनोबल टूट गया. इसी दौरान उनके बडे़ भाई का निधन हो गया और घर की जिम्मेदारियों का बोझ उनके कंधों पर आ गया.
इसको देखते हुए उनका खेती के प्रति रूझान होने लगा और कृषि कार्यालय करौली की उद्यान शाखा जाकर उद्यान विभाग की योजनाओं के बारे मे जानकारी ली. उद्यान विभाग की योजनाओं में ज्ञात हुआ कि लो टनल, मल्च के साथ सिचांई के लिए ड्रिप फब्बारा बहुत ही फायदेमंद है, जिससे पानी और समय दोनों की बचत होती है.
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लागत कम और मुनाफा ज्यादा के लालच में उसने रवि की फसलों में गेहूं, सरसों, चना और खरीफ में बाजरा, तिल, ग्वार फसलों के साथ कुछ सब्जियां भी उगाने लगा. साथ ही बकरियां पालने का शौक और फसलों से 1.5 से 2 लाख रुपये कमाने लगा. लेकिन जब उद्यान विभाग की जानकारी के अनुसार कृषि कार्य करने लगा तो धीरे-धीरे उसे और फायदा होने लगा. उद्यान विभाग की सलाह और लो टनल, मल्च के साथ सिचांई के लिेए ड्रिप फब्बारा के माध्यम से जो पानी और समय की बचत हुई, उसी का परिणाम है कि वह वर्ष में 5-6 लाख रुपए कमाने लगा. यही नहीं वह अब जैविक तरीके से सब्जी का उत्पादन कर रहा है और सब्जियों को उचित मूल्य पर बेच कर लाभ कमा रहा है.
युवक ने बताया कि सर्दियों मे पत्तागोभी, फूलगोभी, पालक, सेंगरी, टमाटर, बैंगन सहित अन्य सब्जियों के साथ साथ चुकन्दर, प्याज, मिर्च, ककडी, भिंडी, टिंडे भी उगाकर लाभ कमा रहा है. उसका कहना है कि वह पहले घर की लागत लगाने के बाद भी लाख रुपए बड़ी मुश्किल से कमा पाता, लेकिन अब वह एक साल में 5 से 6 लाख रुपए तक का लाभ कमा रहा है और अपने परिवार का जीवन यापन अच्छी तरह से कर पा रहा है. उसने सभी किसानों से यह अपेक्षा भी की है कि वे जैविक खेती और कम पानी में फसल उगाकर अधिक से अधिक लाभ कमा सकते हैं.
बता दें कोरोना महामारी के चलते कई युवा नौकरियों में अपना भाग्य आजमा रहे थे. लेकिन कोरोना संकट की भेंट चढ़ी नौकरी मेंं उनका सिलेक्शन नहीं होने के कारण अब उन्हें आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा था. जिसके कारण कई युवाओं ने सब्जियों का व्यापार शुरू कर अपना स्वयं का व्यापार शुरू किया. जिससे वह एक सरकारी कार्मिक से भी ज्यादा आर्थिक लाभ उठा रहे हैं.