करौली. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से वंशी का बाग स्थित एक एकट बोधग्राम संस्था में द्वितीय विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में न्यायिक मजिस्ट्रेट की ओर से महिलाओं को कानूनी जानकारी दी गई. साथ ही महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को रोकने पर भी जोर दिया गया.
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कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला एवं सेशन न्यायाधीश हारून ने बताया कि महिलाएं समाज की नींव होती हैं. महिलाओं को भी पुरूषों के समान अधिकार प्राप्त हैं. उन्होंने महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को रोकने पर जोर दिया. पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश जगमोहन अग्रवाल की ओर से महिलाओं के लिए संपत्ति का अधिकार, विवाह विच्छेद अधिनियम और कानून की जानकारी दी.
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कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को रिसोर्स पर्सन एडवोकेट शुभा दीक्षित की तरफ से मूलभूत अधिकारों, बाल विवाह, विवाह और तलाक, भरण पोषण, संपत्ति का अधिकार आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. कार्यक्रम में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता, आशाओं ने भाग लिया. इस दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश मीणा, एकट बोधग्राम संस्था डायरेक्टर सत्येंद्र चतुर्वेदी सहित कई लोग मौजूद रहे.
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बता दें कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार नेशनल कमीशन फॉर वुमेन के तत्वावधान में महिलाओं के लिए विधिक जागरूकता अभियान के तहत 8 राज्यों को चुना गया है. जिसमें राजस्थान भी शामिल हैं. राजस्थान के प्रत्येक जिले में महिलाअें के लिए विधिक जागरूकता के लिए 02-02 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जिसके संदर्भ में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से महिलाओं के लिए द्वितीय विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.