भोपालगढ़ (जोधपुर).जिले में भोपालगढ़ के निकटवर्ती ग्राम पंचायत चौकड़ी कला में महाशिवरात्रि के अवसर पर प्राचीन महादेव भाखर पर शुक्रवार को तीन दिवसीय मेले का शुभारम्भ हुआ. इस तीन दिवसीय झरना मेला का समापन रविवार को होगा. इस मेले के पहले ही दिन हजारों की संख्या में ग्रामीण श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली.
महाशिवरात्रि के पर्व पर झरना भाकर मेले का आयोजन बता दें, कि पहाड़ों से यहां पानी का रिसाव होता है, उसी के कारण इसे झरना वाला भाकर भी कहा जाता है. इसी जगह पर आग्नेय चट्टानें भी धरातल पर उभरी हुई नजर आती हैं. हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार देवों के देव महादेव की तपोस्थली पर दर्शन करने पर भगवान शिव प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण करते हैं.
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में रावण ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर सिद्धियां प्राप्त की थी. उसके बाद रावण ने लंका में राज किया था. महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर चलने वाले इस तीन दिवसीय मेले में दो सौ से ज्यादा गांवों और 6 से अधिक जिलों के श्रद्धालु यहां भगवान शिव के पास अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं.
धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया महाशिवरात्रि का पर्व इस दौरान मेले में लगी दुकानों पर ग्रामीणों ने कृषि उपकरणों के अलावा घरेलू सामान आदि की खरीदारी की. साथ ही इस मेले में ग्रामीण महिलाएं समूह के साथ लोक गीत गाते हुए चल रहीं थी और ग्रामीण भी चंग की थाप पर होली गीत फागण गाते हुए झूम रहे थे. वहीं, मेले में चारों ओर 'हर हर महादेव' जैसे धार्मिक जयघोष भी सुनाई दे रहे थे. मेले में श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई थी.
करौली में भी शिवालयों में उमड़ी भीड़
करौली में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने मंदिरों में भगवान शिव-पार्वती की पूजा की. साथ ही भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया. इस दौरान वीर नव शिव युवक भक्त मंडल की ओर से शोभायात्रा भी निकाली गई. इस शोभायात्रा में भगवान शिव के जयकारे और मंत्रों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया. वहीं इसमें रथ पर सजी हुई झाकियां लोगों के आकर्षण का केंद्र रहीं.