करौली. जिले के मंडरायल कस्बे में राज्य सरकार द्वारा मास्क पहनने को लेकर लागू किए गए नियम के बाद प्रशासन सतर्क नजर आया. प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने और बिना मास्क पहनकर बाजार में घूम रहे 36 लोगों पर चालानी कार्रवाई करते हुए 6700 रुपये का जुर्माना वसूल किया. प्रशासन की इस कार्रवाई से कस्बे में हड़कंप मच गया.
करौली में गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क जांच दरअसल राज्य सरकार द्वारा मास्क पहनने का कानून लागू करने के बाद सोमवार को मंडरायल कस्बे मे कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों पर प्रशासन की संख्ती देखने को मिली. एसडीएम प्रदीप कुमार और थानाधिकारी मान सिंह मीणा के नेतृत्व में कस्बे के बस स्टैंड पर राहगीर और वाहन चालकों से कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करने और बिना मास्क के घूम रहे 36 लोगों पर चालानी कार्रवाई कर 6700 रुपये का जुर्माना वसूल किया गया.
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प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों मे हड़कंप मच गया. जिसके बाद लोगों मास्क पहने हुए नजर आए. इस दौरान पुलिस के जाब्ता द्वारा राहगीर और वाहन चालकों को रोक-रोककर चालानी कारवाई की गई. एसडीएम प्रदीप कुमार चौमाल ने बताया कि अभी कोरोना का प्रकोप कम नहीं हुआ है, मास्क ही कोरोना की दवाई है. लोगों को मास्क पहनने की हिदायत देते हुए 36 लोगों पर चालान की कारवाई कर जुर्माना वसूला गया है.
पीएमएसएमए पर 1010 गर्भवती महिलाओं की जांच कर दिया परामर्श
वहीं करौली में सोमवार को जिले के सभी राजकीय चिकित्सालयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें 1010 गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क जांच और उपचार सुविधाएं प्रदान की गई. साथ ही गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जोखिम को कम करने की सलाह दी गई.
इस दौरान सीएमएचओ डॉ. दिनेशचंद मीणा ने सीएचसी कुंडगाव और पीएचसी सलेमपुर पहुंच कर पीएमएसएमए पर प्रदान सेवाओं का जायजा लेकर चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. सीएमएचओ डॉ. दिनेश मीना ने बताया कि अभियान के अंतर्गत सभी सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था और प्रसव संबंधी समस्त जानकारी प्रदान की गई.
साथ ही प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा जांच और उपचार भी दिया गया. इस दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए गर्भवती महिलाओं में सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखा गया. साथ ही गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी भी दी गई.
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अभियान के दौरान गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जोखिम के कारणों का समय पर पता करने हेतु गर्भवती महिलाओं की हिमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर, शुगर, लंबाई, एचआईवी, सिफलिश जांच की गई. चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं को गर्भ में पल रहे शिशु की देखभाल की जानकारी देते हुए पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी गई.