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UGC की गाइडलाइन के खिलाफ छात्रों का अर्धनग्न प्रदर्शन, MHRD मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन - Final year exam

करौली में शुक्रवार को यूजीसी के स्नातक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षा करवाए जाने के निर्णय पर छात्रों ने कलेक्ट्रेट परिसर में अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

UGC Guideline regarding final year exams, students protest in karauli
करौली में छात्रों ने अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन

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Published : Jul 10, 2020, 5:16 PM IST

करौली. UGC के उच्च शिक्षा में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाए जाने के निर्णय पर शुक्रवार को छात्रों ने रोष जाहिर कर कलेक्ट्रेट परिसर में अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. साथ ही छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए सभी विधार्थियों को प्रमोट करने की मांग की. वहीं, मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

छात्रों ने अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन

छात्र नेता धर्म मीणा ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की ओर से स्नातक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाने जाने के निर्णय की वजह से सभी छात्र-छात्राएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इस समय देश में कोरोना संक्रमण के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं. वहीं, यूजीसी की ओर से जारी गाइडलाइन में अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा करवाने का निर्णय लिया गया है. जिसका छात्रों ने विरोध करते हुए इसे तुगलकी फरमान करार दिया है.

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छात्र नेता ने कहा कि जिस तहर स्नातक और स्नातकोत्तर के प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की प्रक्रिया की गई है. उसी प्रकार अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को भी प्रमोट किया जाए. छात्र ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विधार्थियों की पांच दिन में सुनवाई नहीं हुई तो छात्र उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे. इस दौरान छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र कुमार जाटव, कृष्णा गुलपारिया सहित अन्य छात्र मौजूद रहे.

देनी होगी अंतिम वर्ष की परीक्षा...

गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद UGC ने विश्वविद्यालयों और कालेजों की परीक्षाओं को लेकर संशोधित गाइडलाइन जारी की है. जिसमें जुलाई में परीक्षाओं को कराने जैसी अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. साथ ही अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य बताते हुए सितंबर के अंत तक कराने की अनुमति दी है. परीक्षा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से कराई जा सकेंगी.

यूजीसी ने इसके साथ ही विश्वविद्यालयों और कालेजों को यह भी छूट दे दी है. वे इन परीक्षाओं को स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए 30 सितंबर तक कभी भी करा सकते हैं, लेकिन इसकी जानकारी यूजीसी को देनी होगी.

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