करौली. राजस्थान सरकार के खाद्य एवं नागरिक उपभोक्ता मामलात मंत्री रमेश मीणा ने बाजार में मास्क और हैंड सेनिटाइज़र को लेकर हो रही मनमानी वसूली पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. साथ ही ईटीवी भारत के जरिए उन्होंने आमजन को कोरोना से न डरने का संदेश दिया.
मास्क और हैंड सेनिटाइज़र की मनमानी वसूली मंत्री जी ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस को लेकर संवेदनशील हैं. मुख्यमंत्री इसको लेकर उचित कदम उठा रहे हैं. कोराना से लड़ने के लिए टीमे पूरी तरीके से तैयार हैं. वहीं, मंत्री ने बाजारों में मास्कों की विक्रताओं की ओर से मनमानी राशि वसूलने के मामले पर कहा कि कोरोना वायरस के बचाव के लिए बाजार में मास्क और हैंड सेनिटाइज़र उपलब्ध हैं. लेकिन, विक्रता उपभोक्ताओं से मनमानी राशि वसूल रहे हैं, ऐसा करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इस संबंध में जिला रसद अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इस साथ ही उन्होंने आमजन से अपील की है कि अगर कोई भी विक्रेता बिना एमआरपी के मास्क और हैंड सेनिटाइज़र की बिक्री करता है, तो उपभोक्ता उस विक्रेता के खिलाफ उपभोक्ता फोरम के हेल्पलाईन नंम्बर 18001806030 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
पढ़ें:चैत्र मास में भी सर्द मौसम, गेहूं के लिए संजीवनी लेकिन अन्य फसलों में बढ़ा सकता है रोग
उपभोक्ता मंत्री ने बताया कि बाजार में मास्क और हैंड सेनिटाइज़र की मनमानी कीमतें वसूलने, काला बाजारी और अवैध भंडारण पर प्रभावी रूप से रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. जिसमें मास्क (2 प्लाई, 3 प्लाई, सर्जिकल मास्क, एन 95 मास्क) और हैंड सेनिटाइज़र के उत्पादन और वितरण लॉजिस्टिक्स को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में शामिल किया गया है. यह अधिसूचना 30 जून 2020 तक लागू रहेगी.
मंत्री ने बताया कि प्रदेश के किसी भी जिले में मास्क और हैंड सेनिटाइज़र को लेकर एमआरपी या एमआरपी से ज्यादा रेट पर बेचने, कालाबाजारी और अवैध भंडारण की शिकायत पाई जाती है, तो उस फर्म या विक्रेता के खिलाफ ईसी एक्ट में प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. ईसी एक्ट में प्रकरण दर्ज होने पर कम से कम 3 महीने और अधिकतम 7 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
पढ़ें:गुजरात कांग्रेस के और 21 विधायक पहुंचे शिव विलास रिसॉर्ट जयपुर, अबतक कुल 35 विधायक जुटे
मंत्री ने बताया कि विश्व स्तरीय महामारी कोविड 19 की प्रभावी रोकथाम के लिए बांट माप यूनिट उपभोक्ता मामला विभाग की पालना में राज्य सरकार की ओर से भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि विधिक माप विज्ञान (डिब्बा बंद वस्तुएं) अधिनियम 2011 के अंतर्गत, अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य लेने पर कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
उन्होंने बताया कि प्रदेश के विधिक माप विज्ञान अधिकारियों को मास्क और हैंड सेनिटाइज़र की संबंधित क्षेत्र में उपलब्धता सुनिश्चित करने, एमआरपी से ज्यादा मूल्य नहीं वसूलने और बिना एमआरपी के बेचने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं. साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्धारित प्रपत्र में प्रतिदिन सूचना मुख्यालय भिजवाए जाने के लिए पाबंद कर दिया गया है. वहीं इसके लिए राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति कर दी गई है.