करौली.अमृतफल के नाम से जाना जाने वाला करौली के बीजलपुर गांव का आंवला देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपना गुल खिला रहा है. दिल्ली, मुम्बई के बाद अब अमेरिका में इस ऑर्गेनिक आंवले की डिमांड बढ़ने लगी है. ऑर्गेनिक आंवले की खेती में लगे किसान बड़ा ही परिश्रम कर देश ही नहीं विदेशों में भी लोगों का जायका बढ़ा रहे हैं.
ऑर्गेनिक खाद से तैयार होता है आंवला
वैसे तो करौली में आंवले की खेती गिनी चुनी जगह पर होती है. लेकिन ऑर्गेनिक खाद यानी की गोबर की खाद से उगाया जाने वाला आंवला जिले के पास के ही गांव बीजलपुर में कृषि फार्म में उगाया जाता है. यहां पर 70 बीघा भूमि पर आंवले की खेती होती है. जिसमें 2 हजार से 2200 आंवले के पेड़ लगे हुए है. मिट्टी की किस्म अच्छी होने की वजह से खेती भी पर्याप्त मात्रा में होती है. सर्दियों में आंवले का उत्पादन होता है और गर्मियों के सीजन में लोग आंवले की डिमांड बढ़चढ़ करते है. किसान व्यापारी ताजा आंवले का मुरब्बा, कैंडी औप अचार बनाकर बेचते हैं.
मीठा और जायकेदार होता है आंवले का स्वाद
गर्मी का सीजन आते ही बाहर के लोग इन किसान व्यापारियों से संपर्क कर कच्चा आंवला या आंवले के बने प्रोटेक्ट मंगवाते हैं. चैत्र मास में लगने वाले उत्तर भारत के प्रसिद्ध आस्थाधाम कैलादेवी मेले में आने वाले बाहर से लोग भी इस आंवले को लेकर जाते हैं. किसान आंवले की खेप डिमांड के अनुसार बाहर बसों, ट्रेनों के जरिए भेजते है. किसान व्यापारियों के बनाए जाने वाले आंवले के प्रोडक्ट का स्वाद मीठा और जायकेदार होता है.