करौली. जिले में सामाजिक कल्याण विभाग की निदेशक की दिव्यांग फरियादी के प्रति मानवीय व्यवहार देखने को मिला. जहां एक ओर आज के समय मे अधिकारी पल्ला झाड़ते हुए नजर आते हैं. वहीं, दूसरी ओर ये निदेशक अपनी गाड़ी में बैठाकर एक दिव्यांग को लेकर आधार कार्ड केन्द्र पर जाती हैं. वहां आधार कार्ड बनाकर दिव्यांग को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलवाती हैं.
सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी की मानवीय पहल यह है पूरा मामला
दरअसल, मंडरायल निवासी व्यक्ति सन्तराम हाथ पैरों से विकलांग है. जिसका आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उसे पेंशन व पालनहार जैसी सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहा था. इस बात की जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक रिंकी किराड़ को लगी, तो वो स्वयं लाभार्थी को स्वयं की गाड़ी में बैठाकर आधार कार्ड बनवाने आधार कार्ड केंद्र पहुंच गईं.
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सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की निदेशक ने बताया कि मंडरायल निवासी संतराम की जानकारी मिली, की यह दोनों हाथ पैरों से लाचार है. इसके बावजूद इनको सरकार की योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है. इस पर विभाग के प्रतिनिधि को गांव में भेजा. जहां पर पता चला, आधार कार्ड नहीं होने की वजह से सरकार की सभी योजनाओं से वंचित थे. जिस पर सबसे पहले इनका आधार कार्ड बनवाया. अब सन्तराम को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और वे आसानी से सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर पाएंगे.
दिव्यांग संतराम ने बताया कि वह दोनों हाथ-पैर से विकंलाग है. सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था. जिससे बच्चों का पालन पोषण करने में भी समस्या का सामना करना पड़ रहा था. अचानक फिर मेरी मुलाकात सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग की निदेशक से हुई. जिन्होंने स्वयं मेरे साथ जाकर मेरा आधार कार्ड बनाकर योजनाओं का लाभ दिलवाया. यह मेरे लिए खुशी की बात है.