करौली. राजकीय कन्या महाविद्यालय में सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली द्वारा लैगिंक समानता के मुद्दे और चुनौतियों के विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ. संगोष्ठी में महिला अपराध, बलात्कार की घटना और महिला आरक्षण के विषय पर विचार व्यक्त किए. वहीं संगोष्ठी में 400 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं.
लैगिंक समानता के मुद्दे पर संगोष्ठी का आयोजन वक्ताओं ने देश में महिलाओं पर अत्याचार, छोटी-छोटी बालिकाओं के साथ बलात्कार, आए दिन छेडख़ानी पर नाराजगी जताई. मुख्य वक्ता प्रोफेसर विद्या जैन ने कहा कि प्रेम वात्सल्य और करुणा महिलाओं का स्वाभिमान है और यह मानवीय गुण भी हैं. उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं को सम्मान सुरक्षा और स्वतंत्र मिलना बेहद आवश्यक है.
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इसी के साथ ही विद्या जैन ने महाविद्यालय की छात्राओं को पढ़ने लिखने और अपने कैरियर को संवारने की ओर प्रेरित किया. प्रोफेसर मधु मुकल चतुर्वेदी ने कहा की भारत देश में प्राचीन समय से महिलाओं के सम्मान की परम्परा रही है. मनु स्मृति में महिलाओं के सम्मान के लिए अनेकों वृत्तांत वर्णित है. किंतु आज महिलाएं फिर भी असमानता से पीड़ित हैं.
संगोष्ठी संयोजक डॉ. रीतेश जैन ने संगोष्ठी के विषय उद्देश्य और तकनीकी सत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. संगोष्ठी में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ ज्ञानेश्वर मीणा, राजस्थान विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रमेश बैरवा,कन्या महाविद्यालय प्राचार्य रिषी शर्मा आदि मौजूद रहे. वहीं सगोष्टी का समापन समारोह मंगलवार को होगा.