करौली. जिले में गुरुवार को राजस्थान सरकार द्वारा संरपच को कार्यालय समय पर पंचायत भवन पर तीन दिन तक अनुपस्थित रहने पर उपसरपंच को चार्ज देने के आदेश लागू करने के बाद जिला सरपंच संघ ने प्रदर्शन कर विरोध जताया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
राज्य सरकार के आदेश का जताया विरोध सरपंचों ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा संरपच को कार्यालय समय पर पंचायत भवन पर तीन दिन तक अनुपस्थित रहने पर उपसरपंच को चार्ज देने के सख्त नियम लागू करने की जानकारी मिली है. जिस पर जिला सरपंच संघ ने सामूहिक रूप से राज्य सरकार के उक्त नियम का विरोध व्यक्त किया गया है. सरपंचों ने कहा कि ग्राम पंचायत डांग क्षेत्र मे होने के कारण करीब 10 से 12 किलोमीटर के एरिया में ग्राम पंचायत की ढाणीया बसी हुई है. उबड़-खाबड़ रास्ता होने के कारण जनसमस्याओं का समाधान मौके पर ही जाकर किया जाता है. जिसमे काफी समय लगता है.
विकास और योजना से संबंधित कार्य भी मौके पर ही जाकर किए जा सकते हैं. ग्राम पंचायत में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत चलने वाले कार्यों का निरीक्षण भी समय-समय पर सरपंच द्वारा ही किया जाता है. सरकारी योजनाओं का उचित लाभ जन समस्याओं के समाधान के लिए पंचायत समिति और जिला परिषद में सरपंचों को आना जाना पड़ता है. सरपंचों ने बताया कि जनहित के कार्यों में भी सरपंचों की व्यस्तता अधिक होती है.
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इसके बावजूद भी सरपंच द्वारा पंचायत भवन मुख्यालय पर नियमित रूप से कार्रवाई की जाती रही है. सरपंच के कार्य के संबंध में किसी भी जगह कोई विरोध या संबंधित समस्या भी राज्य सरकार के सामने नहीं आयी है. फिर भी राज्य सरकार द्वारा 3 दिन तक लगातार कार्यालय पर अनुपस्थित रहने पर सरपंच पद का चार्ज उपसरपंच को दिए जाने से ग्राम पंचायतों में असंतोष व्याप्त है. जिससे जनहित के कार्यों पर विपरीत असर पड़ेगा. इस कारण सरपंच संघ द्वारा राज्य सरकार के उक्त आदेश का विरोध किया जाता है. और जनहित में सरकार द्वारा जो सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. उन्हें तुरंत वापस लेने की मांग की गई है. सरपंचों ने कहा कि अगर राज्य सरकार ने जल्दी ही आदेश को वापस नहीं लिया तो सरपंच संघ द्वारा पूरे प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा.
सर्पदंश से विवाहिता की मौत
करौली में गुरुवार को खेतों में सिंचाई करते समय एक विवाहिता को जहरीले सर्प ने काट लिया. जिसके बाद परिजन अंधविश्वास के चलते विवाहिता को देवी देवताओं के मंदिरों पर झाड़-फूंक करवाने के साथ ही सपेरों के पास उपचार करवाने के डोलते फिरे. लेकिन जब कहीं पर उपचार नहीं बैठा तो हारकर आखिर में परिजन उपचार के लिए अस्पताल मे लेकर पहुंचे. तब तक विवाहिता की मौत हो गयी.