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करौलीः 'स्त्री स्वाभिमान अभियान' के तहत महिलाओं को बांटे गए सेनेटरी पैड - ईटीवी भारत हिन्दी न्यूज

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते लॉकडाउन की अवधि को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है. कोरोना संकट की इस घड़ी में महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से करौली की महिला अधिकारियों द्वारा स्त्री स्वाभिमान अभियान चलाया गया है. जिसमें दुर्गम डांग इलाकों की झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली जरूरतमंद महिलाओं को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जा रहे हैं. साथ ही महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

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महिला अधिकारियों ने चलाया 'स्त्री स्वाभिमान अभियान'

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Published : May 24, 2020, 4:42 PM IST

करौली. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण देशभर में लॉकडाउन है. इस दौरान अधिकांश दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद है. जिसके चलते कई लोगों को आवश्यक सामग्री के लिए जूझना पड़ रहा है. खाद्य पदार्थों के साथ-साथ महिलाओं को सेनेटरी पैड के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. मुश्किल की इस घड़ी में करौली पंचायत समिति की विकास अधिकारी नीरज शर्मा ने महिलाओं की पीड़ा समझते हुए चिकित्सा विभाग और शिक्षा विभाग के सहयोग से स्त्री स्वाभिमान अभियान चलाया.

महिला अधिकारियों ने चलाया 'स्त्री स्वाभिमान अभियान'

इस अभियान में दुर्गम डांग इलाकों में रहने वाली झुग्गी झोपड़ी की महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है. साथ ही गरीब जरूरतमंद महिलाओं को निःशुल्क सेनिटरी नैपकिन उपलब्ध करवाई जा रही है. विकास अधिकारी नीरज शर्मा ने बताया, कि महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से स्त्री स्वाभिमान अभियान कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें लॉकडाउन के दौरान करौली ब्लॉक के डांग इलाकों सहित झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली गरीब जरूरतमंद महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन मुफ्त में बांटे जा रहे हैं.

इस अभियान में चिकित्सा और शिक्षा विभाग और अन्य लोगों के सहयोग से सेनिटरी नैपकिन पैकेट खरीदकर इन महिलाओं को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. इस अभियान में महिला बाल विकास अधिकारी राजेश्वरी मित्तल सहित अन्य महिलाओं की टीम की मदद से अलग-अलग गांवों में जाकर महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है. साथ ही उनको इस महामारी के दौरान कैसे बचाव हो इसके लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.

बांटे गए सेनेटरी पैड

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नीरज शर्मा ने कहा, कि मैंने महसूस किया कि लॉकडाउन के दौरान डांग इलाकों में रहने वाली महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन खरीदने में परेशानी आ रही होगी. वहीं, शहर से दूर रहने के कारण यहां की महिलाओं को मजबूरन पुराने असुरक्षित साधनों का इस्तेमाल करना पड़ रहा था. हम नहीं चाहते कि वे महामारी के दौरान सेनेटरी पैड की जगह इन्फेक्शन करने वाले गंदे कपड़े का इस्तेमाल करें. इसी उद्देश्य के साथ यह अभियान शुरू किया गया है.

महिलाओं की तरफ किसी ने नहीं ध्यान

महिला बाल विकास की सीडीपीओ राजेश्वरी मित्तल ने बताया, कि कोरोना संकट की इस घड़ी में लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को डोर टू डोर भोजन तो उपलब्ध करवाया गया, लेकिन महिलाओं की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया की ऐसे समय मे महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन की भी जरूरत होगी तो वह क्या करेगी. ऐसे मे विकास अधिकारी के साथ मिलकर एक नयी मुहिम को अंजाम दिया गया, जिसका नाम रखा गया स्त्री स्वाभिमान अभियान.

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इस अभियान के अंतर्गत गांव-गांव जाकर महिलाओं को जागरुक किया जा रहा है और उनको सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवायी जा रही है. अभियान से महिलाओं में जागरूकता भी बढ़ी है, जिससे महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग भी हुई है. महिलाओं ने बताया, कि बहुत अच्छा लगा की इस समय में किसी ने महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे मे सोचा और घर पर आकर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवाई. इससे पहले इस महामारी के बारे बिल्कुल जानकारी नही थी.

हजारों महिलाओं को किया चुका है लाभान्वित

स्त्री स्वाभिमान अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ 4 मई को प्रारंभ हुआ. तब से लेकर इस अभियान के तहत 14 से 50 साल की चिन्हित करीब 1200 महिलाओं को अबतक 2 हजार से अधिक सेनेटरी नैपकिन के पैकेट बांटे जा चुके हैं. करौली ब्लॉक की ग्राम पंचायत बरखेड़ा, शौरया मकनपुर, मासलपुर तहसील की ग्राम पंचायत जमूरा, खूडा केसपुर आदि ग्राम पंचायतों की जरूरतमंद महिलाओं को अब तक लाभान्वित किया जा चुका है.

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