करौली.कोरोना वायरस को लेकर गहलोत सरकार ने 31 मार्च तक लॉक डाउन का निर्णय लिया हैं. इसके चलते मंगलवार को करौली में सारी दुकानें बंद रही और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. वहीं, बाहर निकले लोगों को सख्ती के साथ पुलिसकर्मियों ने वापस घर भेज दिया. हालांकि, आवश्यक सेवाओं की दुकानें जरूर खुली रही, जिन पर इक्के-दुक्के लोग ही नजर आए.
दिनभर आबाद रहने वाली सड़कें दिखी वीरान वहीं, विश्वव्यापी महामारी घोषित हो चुकी कोरोना वायरस से करौली जिले में अभी तक राहत भरी खबर यह है कि जिलेभर में अभी तक कोरोना वायरस का एक भी मरीज नहीं पाया गया है. वहीं, चिकित्सा विभाग की ओर से 190 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें से 83 लोग विदेशों से आए हैं. इनमें से विभाग ने 6 संदिग्धों के सैंपल लेकर जांच के लिए बाहर भेजे थे, जिनमें से तीन जनों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. वहीं, तीन जनों की रिपोर्ट अभी आना बाकी है.
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इसके साथ ही जिला प्रशासन ने 30 भवनों को संक्रमण से संदिग्ध व्यक्तियों को होम क्वार्टर में रखने के लिए अधिग्रहण भी किया है, जिससे आमजन के जीवन को खतरा उत्पन्न होने से बचाया जा सकेगा. साथ ही प्रशासन बाहर से आए संदिग्धों पर पैनी नजर बना रखी है, जिससे संक्रमण के खतरे को टाला जा सके.
कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया कि जिले में लॉक डाउन के चलते मंगलवार को बाजार पूर्णतया बंद रहा. किसी भी स्थान पर लोगों की भीड़ इकट्ठी नहीं होने दी जा रही है. इसके साथ ही बाहर से आए 67 लोगों को संदिग्ध मानते हुए उनको होम आइसोलेशन में रखा गया हैं, उनके परिजनों को भी पाबंद कर दिया गया है कि वह बाहर नहीं घूमेंगे और ना ही वे किसी के संपर्क में आएंगे.
सीएमएचओ डॉ. दिनेश चंद मीणा ने बताया कि जिलेभर में 190 लोगों की स्क्रीनिग की गई है, जिनमें से 83 लोग विदेशों से आए हैं. इनमें से 6 को संदिग्ध मानते हुऐ जांच के लिए इनके सैंपल बाहर भेजे गए थे. साथ ही कहा कि फिलहाल, जिले में एक भी कोरोना वायरस का मरीज नहीं है.
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सीएमएचओ ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों की पालना में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से विदेश से आए नागरिकों के घरों के आगे सूचना प्रदर्शित की गई है. उस घर को होम कोरेंटाइन माना गया है, ताकि विदेश से आने के 14 दिन तक वे घर में ही रहे और कही बाहर न जाए. वहीं, जो लोग होम कोरेंटाइन की पालना नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.