करौली.चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विभाग सतत प्रयासरत हैं. इसमें समय-समय पर समीक्षा कर कारणों का पता लगाकर मातृ-शिशु मृत्यु की रोक पर काम किया जाता है. मंगलवार को एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित समीक्षा बैठक के आयोजन में क्षेत्र मे हुई मृत्यु के कारणों से आरसीएचओ डाॅ. जयंतीलाल मीना और डीएनओ रूपसिंह धाकड़ चिकित्सा कार्मिकों से रूबरू हुए हैं.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि समीक्षा बैठक में क्षेत्र में होने वाली मातृ-शिशु मृत्यु के कारणों का पता लगाया जाता है और जिन कारणों से मृत्यु हुई, उन समस्याओं से क्षेत्र को निजात दिलाने पर हर संभव प्रयास विभाग द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मातृ-शिशु मृत्यु पर अंकुश के लिए विभाग द्वारा जागरूकता, सर्तकता, टीकाकरण, जांच, उपचार एवं अन्य सेवाएं समयानुरूप उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन मृत्यु की समीक्षा कर कारणों की खोज कर समाधान करना एक प्रयास है, जो सतत जारी रहेगा. इस दौरान राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों को मुख स्वास्थ्य के बारे में डाॅ. धमेेन्द्र गुर्जर, मुकेश गुप्ता और बालकृष्ण बंसल ने विस्तार से जानकारी दी.
चिकित्ससकों का आईयूसीडी प्रशिक्षण संपन्न