करौली.राजस्थान के करौली जिले में सपोटरा मंदिर के पुजारी की हत्या का मामला सामने आया. मंदिर के पुजारी को पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया गया, जिसके बाद उपचार के दौरान पुजारी की मौत हो गई. इसके बाद आक्रोशित परिजन और ग्रामीण शव को लेकर धरने पर बैठ गए थे. वहीं, पीड़ित परिवार को न्याय के लिए चल रहा धरना समाप्त हो गया है. इसके बाद परिजनों ने मृतक पुजारी के शव का अंतिम संस्कार कर दिया है.
पीड़ित परिवार का धरना खत्म बता दें, पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए शनिवार को राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी मृतक के परिवार के साथ शव को लेकर धरने पर बैठ गए थे. मीणा ने मांग की थी कि अगर पीड़ित को 3 घंटे में न्याय नहीं मिला, तो सीएम हाउस पर शव को रखकर धरना दिया जाएगा. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने की धरना के समाप्ति की घोषणा की.
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जानकारी के अनुसार पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, संविदा पर पीड़ित परिवार को नौकरी, थानाधिकारी और पटवारी को हटाने की मांगों पर सहमति बनी है.
क्या है पूरा मामला...
सपोटरा के बुकना गांव में स्थित राधा गोपाल मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को गांव के कुछ दबंगों ने बुधवार को दिनदहाड़े पेट्रोल से जलाने की कोशिश की. ग्रामीणों ने बताया कि गांव वालों ने मंदिर माफी की जमीन दे रखी है. गांव के पहाड़ के पास स्थित मंदिर की जमीन के सामने वाली भूमि पर पिछले 20-25 दिन पहले पुजारी बाबूलाल वैष्णव ने भूमि को समतल करवाने के लिए जेसीबी मशीन चलवाई थी. पुजारी वहां पर अपना घर बनाना चाहता था, लेकिन गांव के कुछ दबंगों ने मंदिर माफी की जमीन पर घर नहीं बनाने के लिए मना किया. इस पर पुजारी ने पंचायत बुलाई और अपनी व्यथा सुनाई.
जिसके बाद पंचायत ने दबंगों को पुजारी को परेशान नहीं करने को कहा. सपोटरा थानाधिकारी हरजी लाल यादव ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि अस्पताल में बुकना गांव का कोई व्यक्ति भर्ती हुआ है, जो पूरी तरह से जल चुका है. जिसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद पुजारी को जयपुर रेफर कर दिया. गंभीर घायल होने के कारण पुलिस पीड़ित पुजारी का पर्चा बयान नहीं ले सकी. वहीं गुरुवार देर रात जयपुर के SMS अस्पताल में पुजारी की मौत हो गई. पुजारी का शव शुक्रवार को गांव पहुंचने के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने शव के साथ धरना शुरू कर दिया. परिजनों का कहना था कि जब तक उनको लिखित में आश्वासन नहीं दिया जाता है तब तक वे धरने पर ही बैठे रहेंगे.