करौली. जिले में कोरोना बीते कुछ दिनों से शतक लगा रहा है, लेकिन लोग कोरोना को लेकर बिल्कुल भी भयभीत नजर नही आ रहे है. ऐसा ही एक मामला मंडरायल इलाके में देखने को मिला. जहां सरकार और प्रशासन की ओर से कर्फ्यू के आदेश लागू किए गए हैं, लेकिन लोगों की ओर से श्रीमद् भागवत कथा प्रवचन का आयोजन किया जा रहा था. जहां पर सैकड़ों लोग एकत्रित मिले.
सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने शांति भंग के आरोप में कथावाचक सहित उनके टीम के सदस्यों को हिरासत में लिया. साथ ही कथा आयोजन करवाने वाले और कथा में भाग लेने वाले दो दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
दरअसल मण्डरायल कस्बे में 7 दिन से पडुआ माता मन्दिर पर श्रीमद् भागवत कथा प्रवचन का आयोजन किया जा रहा था. जिसका मंगलवार को समापन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था कथा के अंतिम दिन सुचना पर उपखंड अधिकारी ऑफिस से भागवत कथा वाचक पंडित और उनके टीम के शांति भंग करने का आरोपित माना. जिस पर कथावाचक पंडित और उनके तीन शिष्यों को पुलिस की ओर से एसडीएम कार्यालय में पेश किया गया. जहां से उनको शांति भंग के आरोप मे उपखंड अधिकारी ने जमानत ली और सभी पंडितों को 6 माह के लिए पाबंद किया गया. साथ ही कथा का आयोजन करवाने वाले और कथा में भाग लेने वाले 20 से 25 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
बता दें कि मंडरायल इलाके के मोंगेपुरा गांव के बीहड़ों में स्थित मां पड़वा देवी पर ग्रामीणों की ओर से कई गांवों से चंदा कलेक्शन कर भागवत कथा का आयोजन कराया गया था. जिसकी भनक लगते ही पुलिस और प्रशासन में खलबली मच गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कथा वाचक सहित कथा का आयोजन करवाने वाले ग्रामीणो के खिलाफ कोरोना नियमों की अवहेलना करने पर कार्रवाई की है और भविष्य में कोरोना नियमों की अवहेलना ना हो, इसके लिए 6 महीने के लिए पंडित सहित लोगों को पाबंद किया गया है.