करौली.जिले में सोमवार को निजी शिक्षण संस्थाओं के संचालकों ने निजी स्कूल को खोलने और शिक्षा मंत्री की ओर से निजी विद्यालयों को आरटीई का भुगतान नहीं करने के बयान का विरोध जताते हुए धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौप निजी स्कूलों को खोलने के लिए गाइडलाइन जारी करने और आरटीई का भुगतान करने की मांग की.
शिक्षा मंत्री के बयान के विरोध में संचालकों ने किया प्रदर्शन निजी स्कूल के संचालकों ने बताया कि सरकार निजी स्कूल संचालकों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है. साथ ही निजी स्कूलों से दोहरी नीति अपना रही है. संचालकों ने कहा कि सरकारी स्कूलों में तो बच्चे पढ़ने जा रहे हैं. जबकि निजी स्कूलों के ऊपर सरकार कार्रवाई कर रही है. सरकार निजी स्कूलों का भुगतान रोक रही है, गरीब परिवार के बच्चे जो आरटीई में प्रवेशित हैं उनका भुगतान नहीं कर रही है. यदि सरकार आरटीई का भुगतान नहीं करेगी तो उन बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी.
संचालकों ने कहा कि बीते दिनों राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने भी तुगलकी बयान दिया कि सत्र 2020-2021 का आरटीई का भुगतान निजी स्कूलों को नहीं किया जाएगा. शिक्षा मंत्री के इस बयान से नाराज होकर जिले के समस्त निजी स्कूल संचालकों ने धरना देकर शिक्षा मंत्री के खिलाफ रोष जाहिर किया है.
पढ़ें-90 साल की बुजुर्ग महिला से लूटे चांदी के कड़े, फिर कर दी हत्या...पुलिस ने दो संदिग्धों को उठाया
संचालकों ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग को ज्ञापन सौंपकर आरटीई का भुगतान करने और जल्द से जल्द स्कूलों को खुलवाने की मांग की गई है. संचालकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि आर्थिक तंगी के चलते कई निजी स्कूल संचालक आत्महत्या कर चुके है. अगर सरकार ने निजी स्कूल संचालकों की शीघ्र ही समस्या का समाधान नहीं किया तो निजी स्कूल संचालकों को उग्र आंदोलन पर उतारू होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. इस दौरान निजी शिक्षक संस्थान के अध्यक्ष सुधीर नायर, पदाधिकारी धीरज शुक्ला, रमेश शर्मा संजय चतुर्वेदी, शिवलहरी सारस्वत सहित स्कूल संचालक मौजूद रहे.