करौली.जिले के सपोटरा उपखंड में मुख्य सड़क इतनी बदहाल हो चुकी हैं कि वहां पर वाहन से जाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे मे बारिश ने मुसीबत को और भी ज्यादा बढ़ाने का काम किया है. इससे आमजन को भारी परेशानी का सामना कर पड़ रहा है.
उपखंड मुख्यालय पर पंचायत और प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण मुख्य सड़क मार्ग पर भरे दो-दो फीट पानी के जलभराव की समस्या कस्बे के लोगों के लिए वर्षों से नासूर बनी हुई है. सड़क में बने हुए गहरे गड्ढों के कारण पानी में होकर गुजरने वाले दोपहिया वाहन चालक आए दिन चोटिल हो रहे हैं. लोगों को आवागमन में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के विपरीत हाथ पर हाथ धरे बैठा है.
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दरअसल, सपोटरा कस्बे में पानी निकासी के लिए जो नालियां बनी हुई हैं, उस पर प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. नालियां जगह-जगह से अवरुद्ध हो गई है, जिसको लेकर लोगों की ओर से निरंतर विरोध प्रदर्शन और अधिकारियों को ज्ञापन के जरिए बताया गया. जलभराव की समस्या के निदान के लिए कुछ दिनों पहले प्रशासन के द्वारा कस्बे में बनी हुई नालियों की सफाई का कार्य प्रारंभ करवाया, लेकिन यह कार्य भी बीच में ही अधूरा रह गया.
जलभराव का मुख्य कारण
सपोटरा उपखंड मुख्यालय पर वर्षों पहले काली सिंध बांध के निर्माण के समय सिंचाई विभाग ने पटरीनुमा नहर का निर्माण कार्य कराया था. लेकिन नहर के बीच में पहाड़ बाधा बन गया. इस कारण सिंचाई विभाग की ओर से बनाई गई नहर अनुपयोगी हो गई. इसके बाद नहरों को कस्बे के पानी निकासी के लिए उपयोग में लिया जाने लगा. इसकी सफाई और देखभाल का जिम्मा ग्राम पंचायत को दे दिया गया. लेकिन पंचायत प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.