करौली. अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में जिला प्रशासन, महिला अधिकारिता एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में साप्ताहिक कार्यक्रम की श्रंखला में घूंघट प्रथा समाप्ति के प्रयास के हस्ताक्षर कर अभियान का शुभारंभ और रैली का आयोजन किया गया. इस दोरान महिला एवं बाल विकास के उपनिदेशक, सीडीपीओ, सुपरवाईजर, आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिका, साथिन आदि ने हस्ताक्षर किए.
महिला बाल विकास विभाग के उपनिदेशक प्रभाती लाल जाट और सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी धर्मेन्द्र मीणा ने घूंघट प्रथा समाप्ति के प्रयास के लिए महिलाओं की रैली को कलक्ट्रेट परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. महिलाऐं हाथों मे तख्तियां लेकर और नारे लगाते हुए रैली में चलते हुए घूंघट प्रथा समाप्त करने के लिए आमजन को जागरूक कर रही थी.
रैली कलक्ट्रेट सर्किल, राजकीय महाविद्यालय होते हुए महिला एवं अधिकारिता विभाग कार्यालय पर जाकर सम्पन्न हुई, रैली के पश्चात् कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें महिलाओं को घूंघट प्रथा से मुक्त होकर उन्हें सशक्त बनकर, आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ परिवार को सुदृढ बनाने पर भी बल दिया गया. कार्यशाला में बताया कि महिलाओं को आगे बढने के लिए बालिकाओं को शिक्षित करना अति आवश्यक है. इसलिए कोई भी बच्ची शिक्षा से वचित न रहे, महिलाऐं बालिकाओं को पढाने के लिए अगर मन में ठान लें तो कोई भी पुरूष पढाई के लिए ना नहीं कर सकता है, क्योंकि यह बालिकाओं और महिलाओं का अधिकार है.
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संविधान में महिलाओं को समानता का अधिकार दिया गया है. कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास अधिकारी, समाज कल्याण एवं महिला अधिकारिता विभाग के कार्मिक सहित स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे.