कर्नल करोड़ी सिंह बैंसला के जन्मोत्सव पर मनेगी दिवाली... करौली.गुर्जर आरक्षण आंदोलन के अगवा रहे स्वर्गीय कर्नल करोड़ी सिंह बैंसला का आज 80वां जन्मोत्सव कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ गुडला गांव में मनाया जा रहा है. स्वर्गीय कर्नल बैंसला के कार्यक्रम में राजस्थान सहित अन्य राज्यों के इलाके के गुर्जर समाज सहित सर्वसमाज के लोग कार्यक्रम में पहुंचे है. गुर्जर आरक्षण आंदोलन सघर्ष समिति के संयोजक विजय बैंसला ने इस मौके पर कहा कि समाज को राजनीतिक रूप से मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा.
विजय बैंसला ने कहा कि आज कर्नल साहब के जन्मोत्सव कार्यक्रम को धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज से हमारे यहां एक दीपावली नहीं, बल्कि साल में दो दीपावली मनाई जाएगी. एक कर्नल साहब के जन्मोत्सव कार्यक्रम के दिन और दूसरी दीपावली. दोनों दिन प्रत्येक घरों में दीपक जलाकर रोशन किया जाएगा. विजय बैंसला ने कहा कि राजस्थान में गुर्जर समाज सम्मान का भूखा है. उसका तिरस्कार ना किया जाए. इसलिए गुर्जर समाज को राजनीतिक रूप से मजबूत किया जाएगा. बता दें कि कर्नल करोड़ी सिंह बैंसला के जन्मोत्सव कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी शामिल होने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के चलते वह शामिल नहीं हो पाए.
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कार्यक्रम में स्वर्गीय कर्नल को याद करते हुए लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. जन्मोत्सव कार्यक्रम के अवसर पर लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है. जिसमें गुर्जर समाज के कलाकार गीत गाकर समाज की संस्कृति के बारे में जानकारी दे रहे हैं. कर्नल बैंसला की याद में आज शाम को 8:15 बजे प्रत्येक घरों के बाहर पांच दीपक भी चलाए जाएंगे. उनकी सोच के मुताबिक अच्छी शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य, पढ़ी-लिखी मां और कर्ज मुक्त समाज के सदेश के साथ 4 दीपक जलाएं जाएंगे एवं एक दीपक उनकी याद में जलाया जाएगा.
कार्यक्रम में शामिल नही होने पर उपराष्ट्रपति ने जताया खेदः कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने खेद जताया है. भरतपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैंने ग्वालियर से हेलीकॉप्टर से टेक ऑफ किया और करौली उतरने का काभी प्रयास भी किया, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर पाया. उपराष्ट्रपति ने कहा कि कर्नल बैंसला से मेरी कई बार व्यक्तिगत मुलाकात हुई है.
उन्होंने कहा कि कर्नल साहब ने अपने जीवन की शुरूआत सिपाही से की. फिर शॉर्ट कमीशन और रेगूलर कमीशन सर्विस में आए. बाद में मेरिट के ऊपर लेफ्टिनेंट कर्नल बने. उन्होंने कहा की कर्नल बैंसला ने 30 साल के फौजी जीवन में सन 1962, 1965 और 1971 की लड़ाई लड़ी. उपराष्ट्रपति ने कहा कि कर्नल बैंसला के तीन सिद्धांत थे. बेटियों को पढ़ाओ, सही समय पर शादी करो और कर्ज मुक्त रहो. उपराष्ट्रपति ने कर्नल बैंसला की कर्ज मुक्त वाली बात पर कहा कि मैं राजनीतिक जीवन में समझ सकता हूं, जब भारत को आर्थिक समस्या से गुजरना पड़ा और हवाईजहाज के जरिए दो बैंकों में अपना सोना गिरवी रखना पड़ा था.