करौली. राजस्थान के करौली शहर में हुई हिंसा के दौरान नुकसान को लेकर पीड़ितों के लिए गहलोत सरकार ने आर्थिक सहायता मंजूर की है. जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि करौली शहर में 2 अप्रैल को हुई हिंसा के दौरान प्रभावित व्यक्तियों एवं परिजनों को गृह विभाग राजस्थान जयपुर से प्राप्त स्वीकृति के अनुसरण में आर्थिक सहायता संबंधी योजना संचालन नियम 2017 के अन्तर्गत 64 पीड़ितों को 1 करोड़ 20 लाख 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है.
घायल हुए 45 पीड़ितों को 18,25,000 रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत : गृह विभाग के शासन उप सचिव मुकेश पारीक ने बताया कि 2 अप्रैल को करौली शहर में घटित घटना में घायल हुए कुल 45 पीड़ितों को 1825000 रुपये की आर्थिक सहायता की प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है. उन्होंने बताया कि घटना के दौरान परिसंपत्तियों एवं सामान की नुकसान राशि के संबंध में 69 पीड़ितों को 12355000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रशानिक वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है. इस संबंध में शीघ्र भुगतान हेतु प्रशासन ने कार्रवाई प्रारंभ कर दी है.
यह था पूरा मामला : आपको बता दें कि करौली में 2 अप्रैल को हिंदू नव वर्ष के उपलक्ष्य में बाइक रैली निकाली जा रही थी, तभी फूटाकोट चौराहे के पास हटवारा बाजार मे बाइक रैली पर पथराव की घटना हो गई थी. घटना से आक्रोशित लोगों ने कई दुकानों और मकानों को आग के हवाले कर दिया था. पथराव मे 42 से अधिक लोग घायल हो गए थे, जिसके बाद 20 से अधिक लोगों ने करौली कोतवाली थाने में मामला भी दर्ज कराया है. वहीं, पुलिस ने 105 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया.
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घटना के बाद करौली शहर मे 15 दिन तक कर्फ्यू लगाया गया था तो वहीं अफवाहों के दौर को देखते हुए करौली जिले मे इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई थी. उधर गहलोत सरकार की तरफ से घटना की जांच के लिए गृह विभाग की टीम का गठन भी किया गया था. दूसरी तरफ करौली में हुई आगजनी की घटना के बाद सियासी उबाल भी देखने को मिला. करौली शहर में हुई घटना के बाद जिला प्रशासन की ओर से धारा 144 लगाई गई है, जो अग्रिम आदेशों तक लागू रहेगी. कानून एवं सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है जो दिनभर बाजारों में नजर बनाए हुए हैं. फिलहाल करौली जिले में शांति है और लोगों की जिंदगी फिर से पटरी पर लौट आई है.
भाजपा ने बताया अपर्याप्त : सरकार ने करौली में हुई हिंसा के पीड़ितों को आर्थिक सहायता स्वीकृत कर दी है, लेकिन भाजपा को यह सहायता और मुआवजा अपर्याप्त लगता है. यही कारण है कि बीजेपी का एक दल घटना में हुए नुकसान और स्वीकृत की गई आर्थिक सहायता का आकलन कर इस बारे में सरकार पर आर्थिक सहायता बढ़ाए जाने का दबाव बनाएगी. साथ ही प्रधानमंत्री की अपील के बाद अब भाजपा प्रदेश सरकार पर पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने का दबाव बनाएगी.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि करौली में जिस प्रकार हिंसा हुई, उसके बाद बीजेपी के अलग-अलग जांच दल ने वहां पहुंच कर हताहत लोगों और उनके नुकसान की जानकारी ली थी. लेकिन जो आर्थिक सहायता (BJP Told Insufficient Financial Assistance) प्रशासन की ओर से दंगा पीड़ितों के लिए स्वीकृत की गई है वह बेहद कम है.
यहां आपको बता दें कि सरकार ने करौली हिंसा में 64 परिसंपत्तियों के नुकसान और 17 घायलों को आर्थिक सहायता स्वीकृत की है. जिसमें परिसंपत्तियों के नुकसान के बदले 1 करोड़ 20 लाख 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता और 17 घायलों को 11 लाख रुपये की सहायता स्वीकृत की गई है. मतलब कुल 1 करोड़ 31 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है.