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राजस्थान में फिर भड़की गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आग, करौली कलेक्टर ने अधिकारियों और कर्मचारियों को किया पाबंद

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Published : Oct 30, 2020, 1:24 PM IST

गुर्जर आरक्षण मामले को लेकर सरकार ने भले ही 3 घोषणाएं कर दी हों. लेकिन इनसे अंसतुष्ट गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति से जुड़े नेता आंदोलन पर अड़ गए हैं. प्रस्तावित आंदोलन को देखते हुए जिला कलेक्टर की ओर से बिना अनुमति के अधिकारी कर्मचारियों को मुख्यालय नहीं छोड़ने के आदेश जारी किए गए हैं. वहीं गुर्जर नेताओं द्वारा जयपुर में सरकार के साथ वार्ता में हिस्सा नहीं लेने के बाद करौली जिले में गुरुवार रात 12 बजे के बाद से ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

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राजस्थान में फिर भड़की आंदोलन की आग

करौली: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की ओर से 3 बड़ी घोषणाओं के बावजूद गुर्जर नेता आंदोलन करने की बात पर अड़े हुए हैं. ऐसे में प्रस्तावित आंदोलन को देखते हुए जिला कलेक्टर की ओर से बिना अनुमति के अधिकारी कर्मचारियों को मुख्यालय नहीं छोड़ने के आदेश जारी किए गए हैं.

जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्टेट सिद्धार्थ सिहाग ने एक आदेश जारी किया है. जिसमें आगामी समय में कानून और लोक व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में पदस्थापित समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों और उपखंड अधिकारियों को पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ने को कहा गया है. कलेक्टर द्वारा जारी किए आदेश में तहसील और खंड स्तरीय अधिकारियों को संबंधित उपखंड अधिकारियों की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ने हेतु पाबंद किया गया है.

1 नवंबर को आंदोलन की तारीख प्रस्तावित

बता दें कि गुर्जर आंदोलन की भड़की आग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, क्योंकि करौली जिले का एक बड़ा हिस्सा गुर्जर समाज का है. ऐसे में प्रशासन पहले से ही सतर्कता बरत रहा है. गुर्जर नेताओं से आंदोलन को स्थिगित करने की अपील भी की जा रही है. लेकिन गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति अपनी मांगों पर डटी हुई है और 1 नवंबर को आंदोलन की तारीख प्रस्तावित की गई है.

इंटरनेट सेवा बंद, 5 RAS अधिकारी तैनात

जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि 1 नवंबर से प्रस्तावित गुर्जर आंदोलन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से नाकों पर अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. 5 RAS अधिकारी लगाए गए हैं. शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस जाप्ता भी तैनात किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आंदोलन को मद्देनजर रखते हुए गुरुवार रात से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

पढ़ें:सरकार की घोषणाओं से असंतुष्ट गुर्जर आंदोलन पर अड़े, करौली और भरतपुर में इंटरनेट सेवाएं बंद

सरकार और गुर्जर प्रतिनिधिमंडल की नहीं हुई वार्ता

गौरतलब है कि गुरुवार को सरकार और गुर्जर प्रतिनिधिमंडल की एक वार्ता होनी थी, लेकिन गुर्जर प्रतिनिधिमंडल से कोई भी व्यक्ति वार्ता के लिए जयपुर नहीं पहुंचा. ऐसे में सरकार की ओर से एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जहां अशोक गहलोत सरकार के दो मंत्री अशोक चांदना और रघु शर्मा ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सरकार टेबल पर बैठकर वार्ता करना चाहती है और यह आंदोलन वार्ता से ही समाप्त होगा.

पढ़ें:गुर्जर आरक्षण आंदोलन : गहलोत सरकार ने की 3 बड़ी घोषणाएं...

गौरतलब है कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने 1 नवंबर से आंदोलन की चेतावनी दे रखी है. सरकार की ओर से वार्ता के निमंत्रण पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह साफ कर दिया था कि अब वह सरकार से किसी तरह की टेबल टॉक नहीं करेंगे. उनकी सिर्फ जो मांगे हैं वह पूर्ण रूप से चाहिए.

भड़क चुकी है आंदोलन की आग

विजय बैंसला ने यह भी साफ कर दिया था कि इस बार गुर्जर अगर पटरी पर बैठे तो नियुक्ति पत्र लेकर ही उठेंगे. गुर्जर संघर्ष समिति की ओर से दी गई चेतावनी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बुधवार देर रात को अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर गुर्जर संघर्ष समिति की मांगों को समाधान को लेकर निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री से मिले निर्देश के बाद ही गुरुवार को मंत्रिमंडल सब कमेटी की बैठक पहले तो 4:00 बजे बुलाई गई थी, लेकिन 52 गुर्जर संघर्ष समिति के प्रतिनिधि के नहीं आने पर यह बैठक खेल मंत्री अशोक चांदना के निवास पर हुई.

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