करौली: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की ओर से 3 बड़ी घोषणाओं के बावजूद गुर्जर नेता आंदोलन करने की बात पर अड़े हुए हैं. ऐसे में प्रस्तावित आंदोलन को देखते हुए जिला कलेक्टर की ओर से बिना अनुमति के अधिकारी कर्मचारियों को मुख्यालय नहीं छोड़ने के आदेश जारी किए गए हैं.
जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्टेट सिद्धार्थ सिहाग ने एक आदेश जारी किया है. जिसमें आगामी समय में कानून और लोक व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में पदस्थापित समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों और उपखंड अधिकारियों को पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ने को कहा गया है. कलेक्टर द्वारा जारी किए आदेश में तहसील और खंड स्तरीय अधिकारियों को संबंधित उपखंड अधिकारियों की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ने हेतु पाबंद किया गया है.
1 नवंबर को आंदोलन की तारीख प्रस्तावित
बता दें कि गुर्जर आंदोलन की भड़की आग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, क्योंकि करौली जिले का एक बड़ा हिस्सा गुर्जर समाज का है. ऐसे में प्रशासन पहले से ही सतर्कता बरत रहा है. गुर्जर नेताओं से आंदोलन को स्थिगित करने की अपील भी की जा रही है. लेकिन गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति अपनी मांगों पर डटी हुई है और 1 नवंबर को आंदोलन की तारीख प्रस्तावित की गई है.
इंटरनेट सेवा बंद, 5 RAS अधिकारी तैनात
जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि 1 नवंबर से प्रस्तावित गुर्जर आंदोलन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से नाकों पर अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. 5 RAS अधिकारी लगाए गए हैं. शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस जाप्ता भी तैनात किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आंदोलन को मद्देनजर रखते हुए गुरुवार रात से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.